एमर्जेंसी में भी ना-नुकर

By: Dec 20th, 2018 12:05 am

रोहतांग टनल पार करने की अनुमति को प्रशासन पर भेदभाव के आरोप

केलांग —लोकतांत्रिक व्यवस्था में आपातकाल स्थिति के बावजूद रोहतांग टनल से निकलने के लिए लोगों को अनुमति नहीं दी जा रही है। हालांकि कुछ रसूखदार और प्रशासन के चहेते आसानी से निर्माणाधीन रोहतांग टनल होकर आवाजाही कर रहे हैं। केंद्रीय विद्यालय केलांग में अनुबंध पर तैनात पांच अध्यापक पिछले तीन दिनों से अनुमति के लिए उपायुक्त कार्यालय का चक्कर काटते रहे। 22 दिसंबर को चंडीगढ़ मंे परीक्षा होने के बावजूद प्रशासन ने इन अध्यापकों को टनल से होकर जाने की अनुमति नहीं दी। हालांकि इस बीच तांदी डाइट से माइग्रेशन करके अन्य जिलों में जाने वाले जेबीटी अभ्यर्थियों को प्रशासन की तरफ  से अनुमति दी गई।  प्रशासन के इस भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर जिला परिषद अध्यक्ष रमेश और पंचायत प्रधान संघ के अध्यक्ष सतपाल भी हैरान हंै। परीक्षार्थी विजेता, पूनम, सोनिका, अनिता और स्वर्ण सिंह ने आखिर थक-हारकर मीडिया के सामने अपनी परेशानी को बयां किया। बुधवार को जिला परिषद अध्यक्ष रमेश रोलवा इन परीक्षार्थियों के लिए फरिश्ता बन कर आए। रमेश रोलवा ने डीसी के समक्ष इन परीक्षार्थियों की समस्या को उठाते हुए प्रशासन पर दबाव बनाया और यह पांचों परीक्षार्थी बुधवार को रोहतांग टनल होकर केलांग से मनाली पहुंच पाए। उधर, पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि आपात स्थिति में अनुमति नहीं देकर प्रशासन तानाशाही का परिचय दे रहा है। केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि अनुमति के लिए उनकी तरफ  से भी प्रशासन से अपील की गई, लेकिन अपील को सिरे से खारिज कर दिया गया। उधर, रोहतांग टनल के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर चद्राराना ने कहा कि बीमार और परीक्षा जैसे आपात स्थिति में जिला प्रशासन की सिफारिश के बाद रोहतांग टनल प्रबंधन लोगों को आवाजाही की इजाजत दे रहा है। इस संबंध मंे उपायुक्त लाहुल-स्पीति अश्वनी कुमार चौधरी का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय केलांग में अनुबंध पर तैनात पांच अध्यापक उनके पास आए थे और उन्होंने ने ही बीआरओ से आग्रह कर शिक्षकों को रोहतांग टनल से कुल्लू भेजा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पर लगाए जा रहे भेदभाव के आरोपों को व सिरे से खारिज करते हैं।

 


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