चकमोह कालेज में वीसी के खिलाफ नारे

By: Dec 20th, 2018 12:15 am

एबीवीपी के कार्यक्रम को अनुमति मिलने पर उखड़ी एनएसयूआई, प्रशासन पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप

दियोटसिद्ध/बड़सर – बाबा बालक नाथ महाविद्यालय चकमोह में बुधवार को माहौल उस वक्त तनावपूर्ण हो गया, जब एनएसयूआई व युवा कांग्रेस बड़सर के पदाधिकारियों ने कालेज में एबीबीपी के समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे एचपीयू के वीसी और बड़सर प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ गो बैक के नारे लगाए। एनएसयूआई पदाधिकारियों ने कालेज प्रशासन पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उनका आरोप है कि 18 दिसंबर को जब उन्होंने बड़सर कालेज में सांस्कृतिक समारोह करना चाहा तो उन्हें न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई, जबकि एक दिन बाद ही एबीवीपी को चकमोह कालेज में कार्यक्रम करने की परमिशन कैसे मिल गई। बता दें कि बुधवार को बड़सर कालेज में एबीवीपी का कार्यक्रम था, जिसमें एचपीयू के वीसी सिकंदर कुमार को बतौर मुख्यातिथि बुलाया गया था। बुधवार को पहले तो बाबा बालक नाथ महाविद्यालय चकमोह के गेट के बाहर  एनएसयूआई बड़सर व चकमोह इकाई और यूथ कांग्रेस बड़सर के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया फिर मुख्यातिथि के खिलाफ गो बैक के नारे लगाए।  एनएसयूआई ने प्रशासन से दोहरी नीति अपनाने पर जवाब मांगा है और प्रदेशभर में धरने-प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है। इस मौके पर एनएसयूआई के जिला सोशल मीडिया को-ऑर्डिनेटर मनु डोगरा व प्रदेश एनएसयूआई महासचिव रूबल ठाकुर सहित कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

काले झंडे दिखाने की थी योजना

गुस्साए एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुख्यातिथि को काले झंडे दिखाने की योजना भी बनाई थी, लेकिन इसकी भनक जैसे ही पुलिस और कालेज प्रशासन को लगी तो वीसी के आने का रूट ही चेंज कर दिया गया। ऐसे में वे धरना-प्रदर्शन कर गो बैक के नारे लगाते रहे।

बड़सर-चकमोह के लिए अलग नियम क्यों

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव रूबल ठाकुर ने बताया कि 18 दिसंबर को बड़सर कालेज में एनएसयूआई का कार्यक्रम निर्धारित था, परंतु कालेज व जिला प्रशासन ने उन्हें कालेज के भीतर कार्यक्रम करने की इजाजत नहीं दी। उन्हें हाई कोर्ट का हवाला दिया कि कालेज परिसर में ऐसे कार्यक्रम करने की मनाही है। वहीं, 19 दिसंबर को एबीवीपी को चकमोह कालेज में कार्यक्रम की अनुमति कैसे दे दी गई। क्या चकमोह और बड़सर कालेज के लिए हाई कोर्ट द्वारा अलग-अलग नियम बनाए गए हैं।


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