नवल प्रयास का सम्मेलन,16 साहित्यकार सम्मानित

By: Dec 15th, 2018 12:05 am

शिमला —‘नवल प्रयास‘ द्वारा 12 मई को शिमला के दयानंद पब्लिक स्कूल के सभागार में एकदिवसीय राज्य स्तरीय साहित्य उत्सव का सफल आयोजन हुआ। इसमें 16 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्यातिथि भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक व नया ज्ञानोदय के संपादक कवि लीलाधर मंडलोई रहे। इस आयोजन के पहले सत्र का आकर्षण विभिन्न डीएवी स्कूलों से पधारे 25 बच्चों का कविता पाठ एवं कविता कार्यशाला रही, जिसकी अध्यक्षता डा. प्रेम लता ने की। कार्यशाला का संयोजन चर्चित कवि आत्मा रंजन ने डा. कुलराजीव पंत और डा. प्रियंका वैद्य की सहभागिता से किया। कविता प्रतियोगिता में स्वास्तिक  प्रथम, अक्षत शर्मा को द्वितीय और सना को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया। इसके साथ 2 बच्चों आकृत शर्मा और इषा गौतम को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। दूसरा सत्र कहानी पाठ का रहा, जिसमें श्रीनिवास जोशी, गंगाराम राजी, बद्रीसिंह भाटिया और सुरेश शांडिल्य ने कहानी पाठ किया। चारों कहानियों को खूब सराहा गया। इस उत्सव का मुख्य आकर्षण नवल प्रयास साहित्य सम्मान रहे। पुरस्कार चार श्रेणियो में दिए गए। ‘नवल स्मृति आजीवन शिरोमणि सम्मान-2018 निवास जोशी, डा. अनिल राकेशी, ओम चंद हांडा और रमेशचंद्र शर्मा को प्रदान किया गया। प्रकाश साहित्य रत्न सम्मान-2018 से केशव, डा. हेमराज कौशिक, डा. सुशील कुमार फुल्ल, बद्री सिंह भाटिया, डा. रेखा वशिष्ठ, केआर भारती, चंद्र रेखा डढवाल और आत्मा रंजन को नवाजा गया तथा धर्म प्रकाश साहित्य मणिसम्मान 2018 पवन चौहान और संजय ठाकुर को दिए गए। नवल प्रयास उभरती प्रतिभा सम्मान देव कन्या ठाकुर और दिनेश शर्मा को प्रदान किए गए। प्रत्येक श्रेणी में सम्मानित साहित्यकार को क्रमशः 11000, 5100, 3100 और 2100 रुपए  की नकद धन राशि प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र प्रदान किया गया। प्रत्येक बच्चों को पुरस्कार के रूप में पांच-पांच हजार तक की राशि के उपहार दिए गए। साथ ही प्रत्येक भागीदार बच्चों को भी उपहारों और समृति चिन्हों से नवाजा गया। शशि किरण गुप्ता, क्षेत्रीय निदेशक, डीएवी पब्लिक स्कूल, हिमाचल जोन द्वारा प्रत्येक साहित्यकार का प्रशस्ति वाचन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर लीलाधर मंडलोई के निदेशन में तैयार मुक्तिबोध की कविताओं पर आधारित लघु फिल्म आत्मसंभावना भी दिखाई गई। तीसरा सत्र कविता पाठ का रहा, जिसे 10 उपसत्रों में बांटा गया। प्रत्येक सत्र में एक अध्यक्ष और पांच कवियों ने कविता पाठ किए। इनमें प्रदेश भर से करीब 50 कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। कवियों में डा. लीलाधर मंडलोई, विजय स्वणकार, कमलेश भारतीय, मनोहर बाथम, श्रीनिवास श्रीकांत, केशव, रेखा, सुदर्शन वशिष्ठ, अनिल राकेषी, केआर भारती, आत्मारंजन, चंद्र रेखा डढवाल, कुल राजीव पंत, पूनम तिवारी, अश्विनी गर्ग, दिनेश शर्मा, देवकन्या ठाकुर, अंजलि दीवान, देवरानी, सत्य नारायण स्नेही, संजय ठाकुर, भारतीय कुठियाला, हेमराज चौहान, पवन चौहान, पौमिला ठाकुर, प्रियंवदा, नीता अग्रवाल, रोशन जसवाल, कृष्ण चंद महा देविया, वीरेंद्र शर्मा वीर, विनोद रोहतकी, नरेश दओग, राजीव त्रिगर्ती, अशोक गौतम, प्रियंका वैद्य, विजय पूरी, शरत, सुमित राज वशिष्ठ, मुनीष तन्हा, उमा ठाकुर, पोरस ठाकुर, कौशल मुगटा आदि ने भाग लिया। सत्र का संचालन डा. कर्मसिंह ने किया।


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