आयुर्वेद विभाग खुद खरीदेगा दवाएं

By: Jan 1st, 2019 12:02 am

महकमे ने मेडिसिन पॉलिसी बदलने के लिए तैयार किया ड्राफ्ट

शिमला   —आयुर्वेद विभाग की मेडिसिन पालिसी बदली जाएगी। प्रदेश में पहली बार यह कदम उठाया जा रहा है। इसमें विभाग द्वारा तैयार ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को साैंपा गया है। ड्राफ्ट में बड़े और नए स्तर के बदलाव किए गए हैं। इससें खास तौर पर सिविल सप्लाई से टेंडर न करवाकर स्वयं विभाग द्वारा टेंडर करवाने के बारे में कहा गया है। वहीं, इस पॉलिसी के बदलाव में टेंडर में खरीद को लेकर एल-वन के  चक्कर को ही खत्म किया जा रहा है। यानी खरीद में यह नहीं देखा जाएगा कि दवा की कीमत सबसे कम किस कंपनी ने लगाई है, बल्कि दवा की क्वालिटी के आधार पर इनकी खरीददारी की जाएगी। इसके तहत पांच ऐसे विशेषज्ञों की टीम बनाई जानी प्रस्तावित की गई है, जो दवा की खरीद में भाग लेगी, जिसमें तय टीम दवा खरीद में सबसे पहले यह जांचेगी कि आखिर इस दवा की गुणवत्ता का आधार क्या रहेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग भी दवा गुणवत्ता खरीद को लेकर क ोई बड़ा कदम नहीं उठा पाया है। प्रदेश आयुर्वेद विभाग की खरीद पॉलिसी को पहली बार बदल रहा है, ताकि प्रदेश में आयुर्वेद विभाग एक स्तरीय दवाआें की खरीददारी करे। गौर हो कि प्रदेश आयुर्वेद विभाग में लंबे समय से दवा की खरीददारी नहीं की जा रही थी। हालांकि इस बार प्रदेश आयुर्वेद विभाग स्वयं दवा की खरीददारी नहीं कर रहा है और सिविल सप्लाई ही आयुर्वेद विभाग के लिए दवाआें की खरीददारी कर रहा है, लेकिन अब आगामी ड्राफ्ट के तहत ऐसा नहीं होगा और दवा की खरीददारी प्रदेश आयुर्वेद विभाग स्वयं करेगा। हालांकि इस वर्ष प्रदेश आयुष मंत्रालय की ओर से प्रदेश आयुर्वेद विभाग के तहत चार करोड़ रुपए की दवाआें की खरीददारी  की जाने वाली है। फिलहाल प्रदेश सरकार पॉलिसी बदलने को लेकर जल्द ही आगामी बैठक करने वाली है, जिसमें खासतौर पर दवा गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाएगा।

 


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