भारत के दस आध्यात्मिक रहस्य

By: Jan 19th, 2019 12:05 am

पुनर्जन्म या पूर्वजन्म के बारे में विस्तार से जानकारी भारतीय धर्म में ही मिलती है। आध्यात्मिक रहस्य का यह सबसे बड़ा पहलू है। यहूदी, ईसाईयत, इस्लाम पुनर्जन्म के सिद्धांत को नहीं मानते, जबकि हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म मानते हैं…

-गतांक से आगे…

योग की सिद्धियां  : कहते हैं कि नियमित यम-नियम और योग के अनुशासन से जहां उड़ने की शक्ति प्राप्त की जा सकती है, वहीं दूसरों के मन की बातें भी जानी जा सकती हैं। परा और अपरा सिद्धियों के बल पर आज भी ऐसे कई लोग हैं जिनको देखकर हम अचरज करते हैं।

सिद्धि का अर्थ : सिद्धि शब्द का सामान्य अर्थ है सफलता। सिद्धि अर्थात किसी कार्य विशेष में पारंगत होना। सामान्यतः सिद्धि शब्द का अर्थ चमत्कार या रहस्य समझा जाता है, लेकिन योगानुसार सिद्धि का अर्थ इंद्रियों की पुष्टता और व्यापकता होती है। अर्थात, देखने, सुनने और समझने की क्षमता का विकास।

परा और अपरा सिद्धियां : सिद्धियां दो प्रकार की होती हैं, एक परा और दूसरी अपरा। विषय संबंधी सब प्रकार की उत्तम, मध्यम और अधम सिद्धियां अपरा सिद्धि कहलाती है। यह मुमुक्षुओं के लिए है। इसके अलावा जो स्व-स्वरूप के अनुभव की उपयोगी सिद्धियां हैं वे योगिराज के लिए उपादेय परा सिद्धियां हैं।

दसवां आध्यात्मिक रहस्य है पुनर्जन्म : पुनर्जन्म या पूर्वजन्म के बारे में विस्तार से जानकारी भारतीय धर्म में ही मिलती है। आध्यात्मिक रहस्य का यह सबसे बड़ा पहलू है। यहूदी, ईसाईयत, इस्लाम जो पुनर्जन्म के सिद्धांत को नहीं मानते, इन तीनों धर्मों के समानांतर हिंदू, जैन और बौद्ध, यह तीनों धर्म मानते हैं कि पुनर्जन्म एक सच्चाई है। हिंदू धर्म पुनर्जन्म में विश्वास रखता है। इसका अर्थ है कि आत्मा जन्म एवं मृत्यु के निरंतर पुनरावर्तन की शिक्षात्मक प्रक्रिया से गुजरती हुई अपने पुराने शरीर को छोड़कर नया शरीर धारण करती है। उसकी यह भी मान्यता है कि प्रत्येक आत्मा मोक्ष प्राप्त करती है, जैसा गीता में कहा गया है। आधुनिक युग में पुनर्जन्म पर अमरीका की वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डा. इयान स्टीवेंसन ने 40 साल तक शोध करने के बाद एक किताब ‘रिइंकार्नेशन एंड बायोलॉजी’ लिखी थी जिसे सबसे महत्त्वपूर्ण शोध पुस्तक माना गया है। इस तरह भारत के अनेक आध्यात्मिक रहस्य हैं। ये रहस्य वर्षों से विचारकों को चिंतन के लिए प्रेरित करते रहे हैं। हिंदू धर्म में पुनर्जन्म के सिद्धांत को ही अगर हम देखें, तो कई विद्वान इस बात से सहमत हैं कि पुनर्जन्म संभव हो सकता है। पुराने शरीर को छोड़कर आत्मा जब नया शरीर धारण करती है, तो उसे पुनर्जन्म ही माना जाता है।


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