कालेजों पर आयोग का डंडा

By: Feb 21st, 2019 12:01 am

निजी शिक्षण संस्थानों के लिए सर्कुलर जारी, 15 दिन में देनी होगी फीस-फंड-स्टाफ-सैलरी-छात्रों की हर डिटेल

शिमला – हिमाचल के निजी शिक्षण संस्थानों पर शिक्षा नियामक आयोग ने एक बार फिर कड़ा शिकंजा कसा है। शिक्षा नियामक आयोग ने राज्य के निजी शिक्षण संस्थानों को सर्कुलर जारी कर पंद्रह दिन में संस्थान से जुड़े हर आवश्यक रिकार्ड भेजने के आदेश दिए हैं। निजी शिक्षण संस्थानों को अब आयोग को छात्रों से ली जाने वाली फीस से लेकर सुरक्षा फंड और वजीफे से जुड़ा हर ब्यौरा देना होगा। आयोग ने संस्थानों को सर्कुलर जारी कर साफ किया है कि एक साल में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति कितने एसटी, एससी और ओबीसी छात्रों को दी गई, इसकी पूरी जानकारी छात्रों के नाम और तिथि के साथ भेजी जाए। इसके साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों को यह भी बताना होगा कि कितना स्टाफ उनके संस्थान में काम कर रहा है। वहीं, स्टाफ को कितना वेतन दिया जा रहा है, इसके साथ ही अगर किसी का वेतन पेंडिंग है, तो इस बारे में भी शिक्षा नियामक आयोग को जानकारी भेजनी होगी। अहम यह है कि संस्थानों को आयोग को शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता के बारे में भी बताना होगा। संस्थान की तरफ से छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों ने किस विषय में डिग्री ली है और कितने सालों का अनुभव उन्हें पढ़ाने का है, यह सब जानकारी देनी होगी। अहम यह है कि निजी संस्थानों को यह भी ब्यौरा भेजना होगा कि छात्रों की छात्रवृत्ति के वेरिफिकेशन को लेकर संस्थान ने क्या कार्य किए हैं। बता दें कि संस्थानों को छात्रवृत्ति की वेरिफिकेशन करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाने के आदेश दिए गए थे। ऐसे में सभी शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति का बजट चैक करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का होना आवश्यक किया गया था। शिक्षा नियामक आयोग ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर निजी शिक्षण संस्थानों को वर्ष 2019 के लिए बनाए गए प्रोस्पेक्टस का ब्यौरा भेजने के भी आदेश दिए हैं। बता दें कि संस्थानों को आयोग को यह भी बताना होगा कि उनके संस्थान में सेनेटरी नैपकिन मशीन छात्राओं की सुविधा के लिए लगाई गई है या नहीं। वहीं यह भी बताना होगा कि संस्थान में अनुशासन कायम रखने के लिए संस्थान की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं। कुल मिलाकर नियामक आयोग ने शिक्षण संस्थानों को संस्थान की हर जनरल जानकारी देने की बात कही है। बता दें कि शिक्षा नियामक आयोग की ओर से पहले भी निजी शिक्षण संस्थानों को यह आदेश दिए गए थे कि वह संस्थान से जुड़ी हर जानकारी भेजें। बावजूद इसके राज्य के लगभग 19 निजी कालेजों सहित बाकी नर्सिंग कालेज, कम्प्यूटर संबंधित विभागों ने निर्देशों के बाद भी आयोग को रिकार्ड नहीं भेजा है। यही वजह है कि बुधवार को आयोग ने राज्य के निजी संस्थानों को फटकार भी लगाई।

कारण बताएं मुखिया

आयोग के सचिव ने निजी संस्थानों से ब्यौरा न भेजने का कारण भी संस्थान के प्रमुख से मांगा है। आयोग का मानना है कि संस्थानों में घोटाले के मामले इस वजह से ज्यादा बढ़ रहे हैं, क्योंकि संस्थानों पर शिक्षा विभाग का भी शिकंजा नहीं है। संस्थान भी आयोग को बार-बार निर्देशों के बाद रिकार्ड भेजने में आनाकानी कर रहे हैं।

रजिस्ट्रार को पत्र

शिक्षा नियामक आयोग ने निजी बीएड, एमएड, बीपीएड और लॉ कालेजों को भी रिकार्ड भेजने के लिए जरूरी किया है। आयोग की ओर से जारी हुए आदेशों में सभी कालेजों के रजिस्ट्रार को आयोग की ओर से पत्र भेजा गया है। शिक्षा नियामक आयोग के सचिव ने पंद्रह दिन में संस्थानों से जवाब-तलब किया है।

…तो लगेगा ताला

अगर तय समय पर प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों ने आयोग को संबंधित जानकारी नहीं भेजी, तो ऐसे संस्थानों की मान्यता पर भी खतरा मंडरा सकता है। ऐसे संस्थानों को बंद करने का फैसला भी लिया जा सकता है। राज्य के कई ऐसे निजी शिक्षण संस्थान हैं, जो रेगुलेटरी कमीशन के नियम भी पूरा नहीं करते।

 


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