चंडीगढ़ में भिड़े भाजपा-कांग्रेस पार्षद

By: Feb 1st, 2019 12:01 am

नगर निगम की बैठक के दौरान चला आरोपों का दौर, भाजपा के बागी सदस्य ने नवनियुक्त महापौर संग की बदसलूकी

चंडीगढ़  – चंडीगढ़ के महापौर राजेश कालिया की अध्यक्षता में हुई निगम सदन की पहली ही बैठक में उन्हें साथी पार्षद के दुरव्यवहार का सामना करना पड़ा। महापौर पद के चुनाव में भाजपा से बगावत कर कालिया के खिलाफ मैदान में उतरे सतीश कैंथ  सदन की मर्यादा भी भूल गए। कैंथ ने महापौर को जैसे ही तू कह कर संबोधित किया, सारा सदन उनके विरोध में खड़ा हो गया। बैठक के शुरू होते ही पार्षद राजेश कालिया को महापौर बनने की बधाई देने लगे। जब भाजपा पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली ने महापौर को बधाई देते हुए कांग्रेस का नाम न लेते हुए कहा कि भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसमें एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री और कागज बीनने वाला शहर का महापौर बन सकता है।   उन्होंने कहा की अन्य पार्टियों में तो परिवारवाद ही हावी है और उनके नेता विभिन्न घोटालों में फंसे है।  उनके इतना कहते ही कांग्रेस के पार्षद बबला ने खड़े होकर उनकी इस बात पर एतराज जताया और कहा कि यहां भी कई पार्षदों  के घोटालों की लिस्ट विजिलेंस के पास पड़ी है। इसी बीच कैंथ भी बोलने लग पड़े और कांग्रेस तथा भाजपा पार्षद आपस में बहस करने लगे। कैंथ ने महापौर से कहा कि उनकी सीट  सदन में  इतनी पीछे क्यों दी है, जबकि अब वह भाजपा पार्षद नहीं है।

कैंथ छोटे भाई जैसे

सभी ने जब कैंथ को घेर लिया तो महापौर ने स्थिति संभाली व कहा कि कैंथ उनके छोटे भाई जैसा है। महापौर ने कहा कि कैंथ को यदि कोई व्यक्तिगत गुस्सा है है तो वह मुझे अपने घर बुला सकते हैं या वह मेरे पास आकर बात कर सकते है, लेकिन यहाँ उन्हें महापौर की कुर्सी की मर्यादा को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला ने कहा कि कैंथ की और से वे माफी मांगते हैं। इस पर भाजपा पार्षदों ने कैंथ से माफी मांगने को कहा।

13 गांवों में नहीं लगा संपत्ति कर

निगम सदन में हाल ही में प्रशासन से निगम को मिले 13 गांवों में संपत्ति कर लगाने का प्रस्ताव भी रखा गया जिसे वरिष्ट उपमहापौर हरदीप सिंह व अन्य पार्षदों के विरोध के चलते पारित नहीं किया गया। सदन की बैठक में शहर के व्यवसायिक क्षेत्रों से कचरा एकत्र करने के लिए वाहन खरीदने, हल्लोमाजरा में खाली पडी कार बाजार साइट को टूरिस्ट बसों को पार्क करने के लिए अलाट करने, शहर में हाल ही में विकसित ग्रीन बेल्टों, पार्कों आदि के रखरखाव के लिए माली, कारपेंटर, लौहार आदि की भर्ती करने के एजेंडे भी पारित किए गए।

वेंडर्स एक्ट में घटी जुर्माने की दर

निगम सदन में गुरुवार को वेंडर्स एक्ट के तहत दुकानों के बाहर सामान रखने वाले दुकानदारों तथा दुकानों के आगे वेंडर्स को जगह किराए पर देने वालों पर 10 हजार रुपए जुर्माना लाने के प्रस्ताव पर लंबी बहस हुई। पार्षदों की बहस के बाद इस राशि को घटा कर पहली बार 1000, दूसरी बार 1500 के जुर्माने का प्रावधान किया गया व सामान जपत करने का प्रावधान खत्म कर दिया गया।


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