आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ने को मजबूर

By: Mar 30th, 2019 12:05 am

मैहला—विकास खंड की दाड़वीं पंचायत के छह गांवों के नौनिहालों को आठवीं से आगे की पढ़ाई के लिए छह से आठ किलोमीटर का पैदल फासला तय करना पड़ रहा है। स्कूल की दूरी अधिक होने से लड़कियां आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो रही हैं। जिससे इलाके का महिला साक्षरता दर में पिछड़ता जा रहा है। ग्रामीणों व अभिभावकों की पंचायत के मिडल स्कूलों को स्तरोन्नत कर घरद्वार पर दसवीं तक की शिक्षा देने की मांग पर भी कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि दाड़वी पंचायत के रांभो, वैधिरा, लोआ, सकलाना, बाड व जिडू आदि गांवों में आठवीं से आगे की पढ़ाई की कोई सुविधा उपलब्ध नही है। जिस कारण इलाके के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों व जंगली रास्तों के मद्देनजर लड़कियां के अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने से कतराते हैं, जिस कारण लड़कियां आठवीं के बाद स्कूल छोड़ने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि वे नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य के मद्देनजर कई मर्तबा इलाके में संचालित मिडल स्कूल रांभो व दाड़वीं का दर्जा बढाने की मांग विभिन्न मंचों पर उठा चुके हैं, लेकिन सिवाय आश्वासनों के कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है। उन्होंने सरकार व शिक्षा विभाग से जल्द मिडल स्कूल रांभो व दाडवीं का दर्जा बढ़ाकर जनहित की मांग को पूरा कर राहत प्रदान करने की गुहार लगाई है।


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