कारोबारी सुगमता के लिए उठेंगे कदम

By: Apr 23rd, 2019 12:02 am

नई दिल्ली -भारत कारोबारी सुगमता के क्षेत्र में जल्द ही इतिहास रचने जा रहा है। केंद्र सरकार देश में कारोबारी सहूलियत बढ़ाने के लिए ऐसे कदम उठाने जा रही है, जिसके बारे में कभी सोचा नहीं गया था। यह ऐतिहासिक कदम ईज ऑफ डुइंग बिजनेस लिस्ट में एक बारगी 27 पायदान का उछाल भरने के मकसद से उठाया जा रहा है, ताकि इस वर्ष जारी होने वाली नई लिस्ट में देश टॉप-50 देशों में पहुंच जाए। इसके तहत भारत में कंपनी शुरू करने की प्रक्त्रिया आसान बनाई जाएगी। परमानेंट अकाउंट नंबर, टैक्स अकाउंट नंबर, गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स, एंप्लॉई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन और एंप्लॉयी स्टेट इंश्योरेंस कारपोरेशन के रजिस्ट्रेशन को तीन दिनों में उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ऐंड इंटरनल ट्रेड ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग सुधारने के लिए उपायों पर कार्य कर रहा है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि अभी कंपनी का नाम रिजर्व कराने को लेकर समस्याएं हैं, जिन्हें कारपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री दूर कर रही है। कई बार अन्य एजेंसियों के पास कतार में लगने से क्लीयरेंस में लंबा समय लग जाता है। इसके समाधान की भी कोशिश हो रही है। सभी केंद्रीय एजेंसियों के पास रजिस्ट्रेशन के लिए एक आसान प्रक्त्रिया तैयार की जा रही है। पिछले वर्ष अक्तूबर में जारी हुई वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत 23 पायदान ऊपर चढ़कर 77वें स्थान पर पहुंच गया था। सरकार की ओर से कारोबारों के लिए मुश्किलें कम करने की कोशिशों के कारण पिछले दो वर्षों में इस रैंकिंग में भारत का स्थान बेहतर हुआ है। वर्ल्ड बैंक ने इस रैंकिंग के लिए सबसे अधिक सुधार करने वाले देशों में भारत को एक बताया था। 2014-18 के दौरान भारत इस रैंकिंग में 65 स्थान ऊपर चढ़ा है, जबकि चीन 27 पायदान गिरा है। ईज ऑफ डुइंग बिजनस रैंकिंग देश में बिजनस के माहौल का भी एक मापदंड है। विदेशी निवेशकों के बीच देश का आकर्षण बढ़ाने के लिए भी सरकार इस रैंकिंग में देश को टॉप 50 में लाना चाहती है। बीजेपी की अगवाई वाली केंद्र सरकार ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद से इस रैंकिंग में सुधार के लिए कोशिशें शुरू कर दी थी।


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