गहरी और तंग खड्ड में स्थित है किल्लाड़ …

By: Apr 10th, 2019 12:05 am

किल्लाड़ चिनाब नदी की एक गहरी और तंग खड्ड में स्थित है। इस तक साच दर्रे द्वारा पहुंचा जा सकता है। बहुत से कठोर पर्वतारोहियों की यह इच्छा होती है कि वे आकर्षक चेहरों, सुंदर नृत्यों और शोभायुक्त प्रदेशों की यात्रा करें…

गतांक से आगे …

किल्लाड़

पांगी उपमंडल का मुख्यालय किल्लाड़ चिनाब नदी की एक गहरी और तंग खड्ड में स्थित है। इस तक साच दर्रे द्वारा पहुंचा जा सकता है। बहुत से कठोर पर्वतारोहियों की यह इच्छा होती है कि वे आकर्षक चेहरों, सुंदर नृत्यों और शोभायुक्त प्रदेशों की यात्रा करें। किल्लाड़ से प्रसिद्ध पर्वतारोही मार्ग जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़, जांस्कर घाटी में उमासी ला और दक्षिण-पूर्व में केलांग और मंडी है। इस घाटी से लाहुल के पर्वतारोहण मार्ग पर पुरथी नाम का सुंदर स्थान आता है, जो सर्वोत्तम और सबसे सुंदर पौधधरों में एक तथा चिनाब नदी के दाहिने किनारे पर एक ऐतिहासिक विश्राम गृह के लिए प्रसिद्ध है।                  

काठगढ़

ब्यास और चौंच नदियों के संगम पर इंदौरा से सात किलोमीटर की दूरी पर काठगढ़ गांव स्थित है। यह मुगल शैली में बना एक पुराना मंदिर है जिसमें 6 फुट लंबा और 5 फुट गोलार्द्ध की शक्ल का शिवलिंग है। यह अपनी ही प्रकार का एक लिंग है, जो विश्व में अन्यत्र कहीं नहीं मिलता।              

खोकसर

एक रूखा और वायु से बुहारा हुआ पहला गांव है, जो ग्राम्फू से 5 किलोमीटर चंद्रा नदी के दाहिने किनारे पर लाहुल का तोरणद्वार है। सर्दियों के दौरान खोकसर लाहुल में सबसे ठंडा आबाद गांव है। नदी सर्दियों में जम जाती है और बर्फ से ढक जाती है, जिस पर मनुष्य और खच्चरों के यातायात के लिए भी नियमित रास्ता बन जाता है।  

किब्बर

स्थानीय लोग इसे खईपुर के नाम से पुकारते है। किब्बर संसार के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक है, जो समुद्रतल से 4205 मीटर ऊपर चारों और पर्वतों से घिरी हुई एक तंग घाटी में स्थित है। काजा से थोड़ी दूरी पर गट्टे या गीते गांव 4270 मीटर ऊंचाई पर संसार का सबसे ऊंचा गांव है।

लारजी

कुल्लू से 34 किलोमीटर पर ट्राउट मछली पकड़ने के लिए प्रसिद्ध नगर है। यह लारजी जल विद्युत परियोजना के लिए भी प्रसिद्ध है।                          


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