10 साल में 54 अवैध निर्माण
सोलन में एनएच-5 किनारे नियमों के खिलाफ हुआ काम
कसौली —राजधानी शिमला को देश के अन्य राज्यों से जोड़ने वाले एनएच-5 पर साल 2009 से अब तक करीब 54 लोगों द्वारा अनाधिकृत रूप से भवनों का निर्माण किया गया है। इनमें 10 फीसदी ऐसे मामले भी हैं, जिन्होंने बिना टीसीपी या साडा की परमिशन के ही 100 फीसदी तक अवैध निर्माण किया है। यह खुलासा टीसीपी के उस सर्वेक्षण के बाद हुआ है, जो हिमाचल हाई कोर्ट द्वारा मामले का स्वतः संज्ञान लेने के बाद जिला सोलन के अधीन आने वाले एनएच पर किया गया है। जानकारी के अनुसार छह मई को टीसीपी की इस रिपोर्ट को हिमाचल सरकार के चीफ सेक्रेटरी लिखित शपथ पत्र के माध्यम से माननीय न्यायालय में पेश करेंगे। साथ ही एक ऐसी लिस्ट भी न्यायालय के सामने रखी जाएगी, जिसमें उन सभी अधिकारियों का जिक्र होगा, जिन्होंने 10 साल में अपने सामने इस अवैध निर्माण को होने दिया। बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में टीसीपी के टॉप से बॉटम लेवल के अधिकारियों के नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में रिटेंशन पॉलिसी व फोरलेन के निर्माण से इस अवैध निर्माण को सबसे अधिक बढ़ावा मिला। टीसीपी के एक अधिकारी ने कहा कि छह मई को हाई कोर्ट में एनएच-5 पर अवैध निर्माण को लेकर सुनवाई है। जिला सोलन में पड़ने वाले टीसीपी व साडा के एरिया में करीब 54 मामले अवैध निर्माण के सामने आए हैं। पहले भी अधिकतर लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
कहां कितने मामले
टीसीपी कसौली – 17 मामले
टीसीपी सोलन – 5 मामले
साडा जाबली – 18 मामले
साडा बड़ोग – 10 मामले
साडा कंडाघाट – 2 मामल
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