497 दिन बाद निकला डीडब्ल्यू नेगी का ‘सूरज’

By: Apr 19th, 2019 12:01 am

शिमला – कोटखाई रेप और मर्डर केस से जुडे़ पुलिस लॉकअप में हुई सूरज हत्याकांड मामले में 497 दिन बाद शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी का ‘सूरज’ निकल गया। यानी एक साल, तीन महीने और 17 दिन बाद डीडब्ल्यू नेगी को प्रदेश हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। हालांकि शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी पुलिस एसआईटी के मेंबर भी नहीं थे और न ही वह पुलिस लॉकअप में हुई सूरज की हत्या के समय कोटखाई थाने में थे। इस केस में ही सीबीआई ने 16 नवंबर, 2017 को उन्हें गिरफ्तार किया था। उस समय से लेकर आज तक नेगी न्यायिक हिरासत में थे। उसके बाद उन्होंने प्रदेश हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। कोर्ट में कई बार सुनवाई भी हुई, लेकिन गुरुवार को उन्हें राहत मिल गई। डीडब्ल्यू नेगी को भले ही न्यायिक हिरासत से जमानत मिल गई हो, लेकिन कोर्ट में ट्रायल चलता रहेगा। हाल ही में आईजी जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद डीडब्ल्यू नेगी को भी प्रदेश हाई कोर्ट से राहत मिलने की आस जगी थी। सूरज हत्या मामले में अब डीएसपी मनोज जोशी सहित सात अन्य पुलिस कर्मी न्यायिक हिरासत में हैं। मनोज जोशी और एसएचओ ने भी हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है, जिस पर अभी सुनवाई पेंडिंग है। शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी पर झूठी एफआईआर बनाने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने, तथ्य छुपाने तथा पकड़े गए एक कथित आरोपी राजू के खिलाफ  षड्यंत्र रचने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कुछ लोगों को गवाह भी बनाया है। इनमें पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मी भी शामिल बताए गए हैं। कोटखाई में छात्रा के साथ हुई दरिंदगी व मर्डर के दौरान डीडब्ल्यू नेगी शिमला में एसपी थे। इस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में हत्या के दौरान भी वह शिमला एसपी थे, जिस कारण सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। डीडब्ल्यू नेगी को 16 नवंबर, 2017 को गिरफ्तार किया गया। ऐसे में इस मामले में अभी तक जैदी और नेगी को जमानत मिल गई। शेष अन्य पुलिस कर्मी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं।

सरकार लेगी सस्पेंशन रद्द करने का फैसला

शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी का सस्पेंशन रद्द करने का फैसला प्रदेश सरकार करेगी। सूत्रों के मुताबिक डीडब्ल्यू नेगी शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करेंगे। वह तब तक ज्वाइनिंग नहीं दे सकेंगे, जब तक प्रदेश सरकार की ओर से सस्पेंशन रद्द का फैसले का आर्डर न हो। पुलिस मुख्यालय से गृह विभाग को इस संदर्भ में फाइल जारी होगी और उसके बाद ही प्रदेश सरकार सस्पेंशन पर निर्णय लेगी।

जैदी के लिए पुलिस से नहीं आया प्रस्ताव

आईजी जहूर जैदी की फाइल अभी तक प्रदेश सरकार के पास नहीं पहुंची पाई है। राज्य सरकार के गृह विभाग से मिली जानाकरी के मुताबिक जैदी का सस्पेंशन वापस लेने के लिए पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव आना चाहिए, जो अभी तक नहीं आया। हालांकि जैदी इन दिनों पुलिस मुख्यालय में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं, लेकिन जब तक सस्पेंशन वापस नहीं होता, तब तक वह किसी भी पद पर ज्वाइन नहीं करेंगे।


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