मजदूर हित में मोदी का आना जरूरी
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर बोले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
शिमला – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस पर मजदूरों को बधाई देते हुए कहा है कि श्रमिकों के हित में नरेंद्र मोदी का दोबारा प्रधानमंत्री बनना जरूरी है। मोदी सरकार ने पांच वर्षों में न्यूनतम मजदूरी में 42 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि की। यही नहीं, मजदूरों के वार्षिक बोनस को दोगुना कर सात हजार रुपए कर दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने खुद गरीबी की मार झेली है। इसलिए वह गरीबों और मजदूरों के लिए ज्यादा संवेदनशील हैं। कांग्रेस के सामंतवादी नेता खानदानी अमीर हैं, इसलिए उन्हें गरीबों से कोई लगाव नहीं। वे गरीब परिवार में जन्में नरेंद्र मोदी से नफरत करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पांच साल पूरी तरह से गरीबों और मजदूरों के प्रति समर्पित रही है। देश के इतिहास में पहली बार मोदी सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में 42 प्रतिशत की वृद्धि की, जिससे मजदूरों को काफी राहत मिली। मोदी जानते हैं कि मजदूरों को अपने बच्चों के नए कपड़े सिलवाने से लेकर अन्य छोटे-मोटे कामों के लिए सालाना बोनस का इंतजार रहता है। इसलिए उन्होंने मजदूरों का वार्षिक बोनस 3500 से बढ़ाकर 7000 रुपए कर दिया। इससे उनकी संवेदनशीलता का पता चलता है। भाजपा सरकार ने देश के लिए खून-पसीना बहाकर विकास की गाथा लिखने वाले मजदूरों के उन दिनों के बारे में भी सोचा, जब वे काम करने में असमर्थ हो जाते हैं। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों का सालाना पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त कराना भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण संभव हुआ है।
बुढ़ापे की भी चिंता
मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों के बुढ़ापे की चिंता भी प्रधानमंत्री मोदी के दिमाग में रहती थी। इसलिए उन्होंने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए ऐतिहासिक प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना शुरू की। इसके तहत 60 वर्ष की आयु के बाद इन मजदूरों को 3000 प्रतिमास की पेंशन मिलेगी। यदि पेंशनधारी श्रमिक की मृत्यु हो जाती है तो पेंशन की 50 प्रतिशत राशि उसके जीवन साथी को मिलती रहेगी।
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