मरीजों को स्टीरॉयड देने वाले आयुर्वेदिक डाक्टरों पर नज़र
शिमला – मरीज को स्टीरॉयड देने वाले आयुर्वेदिक डाक्टरों की खैर नहीं। आयुर्वेद विभाग ने ऐसे आयुर्वेद चिकित्सकों पर नकेल कसने की तैयारी कर दी है, जो अकसर मरीजों को जीवनरक्षक दवाआें के नाम पर स्टीरॉयड दे देते हैं, जिसमें संबंधित चिकित्सकों की कार्रवाई के तौर पर एसीआर खराब की जा सकती है। हालांकि अभी पर्चियों के ऑडिट में एक मामला कुल्लू से आया है, जिस पर जांच की जा रही है। वहीं, आयुर्वेद विभाग सभी पर्चियों का ऑडिट कर रहा है। गौर हो कि आयुर्वेद विभाग के डाक्टरों को यह अधिकार दिया गया है कि वे कुछ जीवनरक्षक दवाआें में एलोपैथी दवाएं लिख सकते हैं, जिसमें कई शिकायतें ये आ रही हैं कि कुछ आयुर्वेदिक डाक्टर मरीज को जल्द ठीक करने के चक्कर में स्टीरॉयड दे रहे हैं। विभाग के मुताबिक आयुर्वेद दवा का साइड इफेक्ट नहीं होने की वजह से कई लोग चाहते हैं कि उनका इलाज आयुर्वेद में चले, लेकिन मरीज को तुरंत राहत देने के चक्कर में आयुर्वेदिक डाक्टरों द्वारा मरीज को स्टीयोरॉयड देने की शिकायतें मिल रही हैं। विभाग ने डाक्टरों को साफ आदेशों में कहा है कि मरीज के इलाज को लेकर यह स्वयं की इच्छा होती है कि वह ऐलोपैथी में इलाज करवाए या आयुर्वेद की दवा खाना चाहता है। आयुर्वेद विभाग के मुताबिक सभी आयुर्वेद डाक्टरों की पर्ची पर नजर रखी जा रही है।
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