बारिश से सब्जी उत्पादकों के चेहरे खिले

By: Jun 13th, 2019 12:02 am

सेब के साथ-साथ फुहारों से बंपर फसल की आस

ठियोग –पिछले एकाध दिनों से मौसम में आए बदलाव तथा बारिश के बाद नमी होने से सेब व सब्जी उत्पादकों के चेहरे खिल उठे है। गत कुछ दिनों से बारिश न होने से सेब की ड्रापिंग तथा सब्जियां सूखने पर आ गई थी जिससे किसानों को अपने सालभर की आर्थिकी को लेकर भी चिंता सताने लग पड़ी थी। हालांकि जिस तरह की उम्मीद किसान बागबान लगाए बैठे थे उसके मुताबिक नमी तो नहीं हो पाई है लेकिन फिर भी कुछ हद तक पिछले कई दिनों से गर्मी से राहत जरूर मिली है। बुधवार को भी सुबह के समय अच्छी बारिश हुई है और इससे सेब तथा सब्जी वालों को भी फायदा होगा। सेब के लिए पिछले काफी समय से बारिश न होने के कारण स्प्रे आदि का शडयूल पर भी खासा असर देखने को मिल रहा था और साथ ही सेब का आकार भी प्रभावित हो रहा है। सेब के पौधों में ड्रापिंग भी बागबानों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है और पिछले कुछ दिनों से तापमान बढ़ने से सेब की लगातार ड्रापिंग हो रही है। इसके अलावा ठियोग के निचले इलाकों में बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन बडे़ पैमाने पर किया जाता है और ऐसे में खेतों में नमी कम होने के कारण सब्जियों पर खतरे के बादल मंडराने शुरू हो गए थे। बारिश कम होने से पिछले कुछ दिनों से आईपीएच विभाग की योजनाओं पर भी असर पड़ा है उनमें भी पानी की मात्रा बेहद कम रह गई है जिससे कि किसान प्राकृतिक जलस्रोतों पर ही अधिक निर्भर है। बेमोसमी सब्जियों की इन दिनों मार्केट में भी अच्छी खासी मांग है और ऐसे में किसानों को सब्जियों के बेहतर दाम मिल रहे हैं। पिछले एकाध दिन से मौसम थोड़ा कूल हो गया है जिससे किसान व बागबान के माथे पर ंिचता की लकीरें हटने लगी है। बागबानों का कहना है कि बारिश के चलते किसानों ने राहत की सांस ली है। सब्जियों में इन दिनों नमी की आवश्यकता है लेकिन पिछले दिनों बारिश न होने के कारण किसानों को सिचंाई के पानी को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा। पानी की व्यस्था न होने के कारण सब्जियों को भरपूर मात्रा में सिंचाई का पानी नहीं मिल रहा था। जिससे कि सब्जियों पर सूखे का खतरा मंडराने लग गया था। निचले इलाकों में फ्रांसबीन मटर आदि की फसल खेतों में लगी हुई है। कम बारिश के कारण सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है सब्जियों के लिए पानी की मात्रा समय-समय पर ठीक रहनी चाहिए लेकिन सिंचाई के प्राकृतिक जल स्रोत में पानी कम होने के कारण किसानों को नुकसान भी झेलना पड़ा है। हालांकि नमी के लिए बारिश का होना लाभदायक माना जा रहा है और इससे किसानों के अलावा बागबानों को भी लाभ मिलेगा।


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