मेडिपर्सन एक्ट सख्ती से लागू करने की शर्त पर हड़ताल खत्म

By: Jun 21st, 2019 12:01 am

शिमला – प्रदेश में मेडिपर्सन एक्ट की सख्ती के साथ लागू करने के आश्वासन के बाद डाक्टरों ने  हड़ताल को वापस ले ली है।  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के साथ एमओ संघ की बैठक आयोजित की गई। इसमें अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा, सुरक्षा गार्ड और हूटर की व्यवस्था करने का आश्वासन प्रदेश सरकार ने चिकित्सकों को दिया है। गौर हो कि ‘दिव्य हिमाचल’ ने भी डाक्टरों की मांगों को प्रमुखता से उठाया था। जिसमें अभी तक मेडिपर्सन एक्ट में एक भी मामला दर्ज नहीं करने का मुद्दा उठाया गया था। फिलहाल अब इस एक्ट को सख्ती से लागू करने के बाद  इसे पुलिस को भी फोलो करने के लिए भेजा जाने वाला है। फिलहाल हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डा. जीवानंद और सचिव पुष्पेंद्र ने कहा कि बैठक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थाची में कार्यरत महिला चिकित्सक के शारीरिक  शोषण करने के प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा की और दोषियों को शीघ्र पकड़ने और कार्रवाई करने के लिए सरकार से मांग रखी है। साथ ही खंड चिकित्सा अधिकारी घुमारवीं की सस्पेंशन को निंदनीय बताया, जो कि बिना पक्ष जाने और बिना सुनवाई के कर दी गई अतः इसे शीघ्र बहाल किया जाए।  संघ ने गृह मंत्रालय से मेडिपर्सन एक्ट को शीघ्र नोटिफ ाई और  लागू करने की मांग भी उठाई।

दोषी के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने डाक्टरों के प्रतिनिधिमंडल को महिला चिकित्सक के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना की निष्पक्ष जांच  करने और दोषी विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सीसीटीवी कैमरे और हूटर लगाने संबंधी चिकित्सकों की मांग पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। 

सीएम जयराम को बताई अस्पतालों की दुदर्शा

प्रदेश के अधिकांश स्वास्थ्य संस्थान बिना सफाई कर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अभाव में खुद बीमार पड़ गए हैं। अतः सरकार से सभी कर्मचारियों के खाली चल रहे पदों को शीघ्र भरने की मांग उठाई गई । यह सारा मामला बैठक के दौरान मुख्यमंत्री में समक्ष रखा गया।

आरोपी अभी भी पकड़ से बाहर

मंडी-  थाची पीएचसी महिला डाक्टर से छेड़छाड़ के विरोध में लगातार तीसरे दिन भी डाक्टरों ने पेन डाउन स्ट्राइक जारी रखी। हालांकि शाम होते-होते हिमाचल प्रदेश मेडिकल आफिसर्ज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात के बाद हड़ताल वापस लेने के फैसला ले लिया। मामले की छानबीन के लिए बनाई गई एसआईटी अभी भी खाली हाथ है और मामले में अब तक करीब 650 लोगों से पूछताछ हो चुकी है। एसआईटी टीम के अध्यक्ष और डीएसपी  पद्धर मदनकांत शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। आरोपी का अभी तक पता नहीं चल सका है।


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