सीवर को ट्रीट कर होगी सिंचाई

By: Jun 13th, 2019 12:02 am

शहर के निचले क्षेत्रों में व्यवस्था करेगा आईपीएच, किसानों-बागबानों को मिलेगी सुविधा

शिमला -शिमला से नीचे की ओर कम ऊंचाई वाले वह क्षेत्र जहां पर सिंचाई का काम किया जाता है, को इसके लिए विशेष रूप से पानी उपलब्ध करवाने को एक योजना बनाई गई है। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग इस प्रोजेक्ट मंे लगा है। विभाग द्वारा एडीबी की सहायता से इसके लिए जो प्रोजेक्ट बनाया गया है उससे यहां पर भी काम होगा। बताया जाता है कि शिमला शहर व इसके ऊपरी क्षेत्रों से सीवरेज का जो पानी नीचे की ओर बहता है उसे ट्रीट किया जाएगा और उसे निचले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा। बता दें कि शहर में अश्वनी खड्ड के पास ट्रीटमेंट प्लांट लगा है। ऐसे ही ट्रीटमेंट प्लांट उन नालों में भी लगाए जाएंगे जिनसे सीवरेज का पानी निकलता है। इस पानी को साफ करने के बाद इसे पाइप लाइनों के माध्यम से कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों की ओर लाया जाएगा जहां पर खेती के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। यहां पर लोगांे को खेती के लिए वैसे ही पानी की बेहद कमी महसूस होती है जो कि बरसात के पानी पर ही निर्भर हैं। उनके लिए एक बड़ा विकल्प हो जाएगा जो कि अभी तक इन नालों के पानी को इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैंं। शहर में कई स्थानों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं परंतु यहां से निकलने वाले पानी का इस्तेमाल नहीं होता। खेती के लिए यह प्रयोग में लाया जा सकता है। आईपीएच विभाग ने पूरे प्रदेश के लिए जो वांटर कंजरवेशन का प्रोजेक्ट बनाया है उसमें यह भी है कि शिमला के सीवरेज वाटर को खेती में प्रयोग में लाया जाए। कुसुम्पटी विधानसभा में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जो कि शिमला से नीचे की ओर पड़ते हैं और वहां पर लोग खेती करते हैं। अन्य व्यवसायों के साथ खेती भी उनका पेशा है लेकिन वहां पर पानी की समस्या है। हाल ही में वहां के एक प्रतिनिधिमंडल ने पानी की कमी को लेकर आईपीएच मंत्री से मुद्दा उठाया जिन्होंने लोगों को बताया कि वाटर कंजरवेशन प्रोजेक्ट मंे उनके खेतों की सिंचाई के लिए इस तरह की योजना बनाई गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत एडीबी ने प्रदेश को पैसा देना है जिसे देखने के लिए जल्दी ही मिशन भी यहां आ रहा है। बताते हैं कि एडीबी के अधिकारियों को शिमला से कम ऊंचाई वाले इन क्षेत्रों तक भी ले जाया जाएगा। आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह का कहना है कि शिमला ही नहीं अपितु दूसरे शहरों में भी इस तरह का प्रयोग करेंगे।


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