सेक्सुअल हृासमेंट कमेटियां सिर्फ नाम की
ऊना—सरकारी शिक्षण संस्थानों में सेक्सुअल हृसमेंट कमेटियां मात्र दिखावे के लिए ही रह गई हैं। इसका अंदाजा स्वयं ही लगाया जा सकता है कि करीब साल के भीतर अब तक न ही उच्च शिक्षा उपनिदेशक और न ही प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के पास स्कूलों से भेजी गई सेक्सुअल हृासमेंट कमेटियों की रिपोर्ट के अनुसार कोई शिकायत पहुंची है। दोनों विभागों की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षण संस्थानों में कोई भी सेक्सुअल हृासमेंट का मामला उजागर नहीं हुआ है, लेकिन बच्चों के शोषण के मामले किसी से छिपे नहीं हैं। उसके बावजूद कथित तौर पर इस तरह के मामलों को यह कमेटियां रफादफा करने में ही अपनी भूमिका निभा रही हैं। जबकि इन कमेटियों को इस तरह का मामला उच्च अधिकारियों के साथ ही पुलिस के समक्ष भी रखना चाहिए। अगर स्कूलों में बच्चों के साथ शोषण की घटनाएं घटित हैं तो मामलों को उच्च अधिकारियों के पास पहुंचाने के बजाये दबा लिया जाता है और रफादफा कर दिया जाता है। इसके चलते अधिकतर मामले न तो विभागीय उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाए जाते हैं और न ही पुलिस के समक्ष लाए जाते हैं। वहीं, यहां तक कि शिक्षा उपनिदेशकों को भेजी जाने वाली सेक्सुअल हृासमेंट कमेटी की रिपोर्ट भी समय पर भेजने में कई स्कूल गंभीरता नहीं दिखाते हैं। जबकि हर माह यह रिपोर्ट स्कूलों को उच्च अधिकारियों के पास भेजनी होती है। बता दें कि जिला में करीब 600 स्कूल हैं। इनमें से 197 स्कूल सीनियर सेकेंडरी, हायर सेकेंडरी हैं। वहीं, अन्य स्कूल प्रारंभिक शिक्षा के तहत आते हैं। हर स्कूल में सरकार के निर्देशानुसार सेक्सुअल हृासमेंट कमेटी गठित की गई है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार यह कमेटियां अपनी साकारात्मक भूमिका निभाने में सफल नहीं हो पाई हैं। हालांकि जिला ऊना के अंब क्षेत्र में स्कूलों में बच्चियों के साथ हो रहे शोषण के दो मामले उजागर हुए हैं। गगरेट क्षेत्र में एक मामला सामने आया है। यह सब मामले अभिभावकों के ध्यान में आने पर ही सामने आए हैं। जकि सरकार द्वारा स्कूलों में गठित की गई कमेटियां इन मामलों को रफादफा करने के अलावा कोई भी साकारात्मक कार्रवाई अमल में नहीं लाती हैं। इसके चलते इस प्रकार के मामले बवाल के तौर उभर कर सामने आते हैं। बहरहाल, इन कमेटियों को अपनी साकारात्मक भूमिका निभानी होगी ताकि भविष्य में बच्चों के शोषण की कोई भी घटना घटित न हो। वहीं, उच्च शिक्षा उपनिदेशक (अतिरिक्त) कमलेश कुमारी ने कहा कि सेक्सुअल हृासमेंट कमेटियों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार कोई भी शिकायत नहीं पहुंची है, लेकिन इन कमेटियों को गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक संदीप गुप्ता ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तहत कोई भी शिकायत सेक्सुअल हृासमेंट कमेटियों द्वारा नहीं भेजी गई है। रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। वहीं, जो स्कूल अपनी रिपोर्ट समय पर नहीं भेजते हैं उन्हें भी लिखित तौर पर सूचित किया जाता है, ताकि वह भी अपनी रिपोर्ट समय पर भेजें।
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