हिमाचल के प्राइवेट स्कूलों पर नियम थोपने की तैयारी

By: Jun 21st, 2019 12:01 am

शिमला – प्रदेश में शिक्षा को नए आयाम दे रहे निजी स्कूलों को भी नियमों में बांधने की तैयार शिक्षा विभाग कर रहा है। निजी शिक्षण संस्थानों की तर्ज पर स्कूलों को रेगगुलेटरी कमीशन के अंदर लाया जाए व इसके नियमों में संशोधित करने को लेकर विभाग सरकार पर दबाव बना रहा है। दरअसल शिक्षा विभाग राज्य में निजी स्कूलों को लेकर कोई भी निर्देश जारी नहीं कर पा रहा है। इसका कारण यह है कि निजी स्कूलों की शिक्षा में गुणवत्ता लाने को लेकर आदेश जारी करने की शक्तियां भी विभाग के पास नहीं हैं। यही वजह है कि अब शिक्षा विभाग की 12 सदस्यों की टीम ने निजी स्कूलों को लेकर एक प्रोपोजल तैयार किया है। इस प्रपोजल में सबसे ऊपर रेगुलेटरी कमीशन के दायरे में निजी स्कूलों को लाने की बात कही गई है। इसके अलावा कर्नाटक व पंजाब में निजी स्कूलों को लेकर बनाई गई पॉलिसी को लागू करने को लेकर भी ड्राफ्ट तैयार किया है। बता दें कि पंजाब में निजी स्कूल हर साल दस फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकते हैं। अगर कोई स्कूल साल में ज्यादा फीस बढ़़ाता भी है, तो उन पर पैनल्टी के साथ एनओसी तक रद्द की जाती है। इसी तरह कर्नाटक में भी पीटीए की सहमति लेने के बाद ही फीस बढ़ोतरी व शिक्षा के अन्य बड़े फैसले लेने का प्रावधान है। हिमाचल के शिक्षा मंत्री को भी इन दोनों राज्यों की पॉलिसी काफी पसंद आई थी। यही वजह है कि शिक्षा विभाग की कमेटी ने इस पॉलिसी को पूरी तरह से स्टडी कर लिया है। हालांकि शिक्षा विभाग यह चाहता है कि निजी शिक्षण संस्थानों की तर्ज पर स्कूलों को भी रेगुलेटरी कमीशन के अंदर लाया जाए, ताकि निजी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता से लेकर शिक्षकों तक की कार्यप्रणाली पर आयोग की नजर रहे। अगर निजी स्कूलों को रेगुलेटरी कमीशन के अंतर्गत लाया जाता है, तो इससे निजी स्कूलों की फीस वृद्धि से लेकर अन्य गतिविधियों को लेकर आयोग में नियम बन जाएगा। आयोग के अंर्तगत आने के बाद निजी स्कूलों को हर साल फीस व छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं का ब्यौरा रखना होगा। निजी स्कूलों का रेगुलेटरी कमीशन में आने के बाद छात्रों से लिए जाने वाले एक्स्ट्रा फंड का भी रिकार्ड आयोग में तलब होगा। इसके अलावा स्कूलों में छात्रों को शिक्षा के साथ उन्हें खेल गतिविधियों से कैसे जोड़ा जा रहा है, इस पर भी आयोग नजर रख पाएगा। अगर निजी स्कूलों को भी इस कमीशन के अंदर लाया जाता है, तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सभी निजी स्कूलों आयोग की परमिशन के बिना कोई भी फैसला नहीं ले पाएंगे।

ये हैं कमेटी मेंबर

शिक्षा विभाग के एडिशनल डारेक्टर भजन सिंह कमेटी के चेयरमैन है। वहीं, चंद्रेश्वर शर्मा संयुक्त निदेशक, केडी शर्मा, राकेश कुमार विशिष्ट, दीप शिखा, निशा भलूनी, चंपा ठाकुर, सौरभ शर्मा, अमर सिंह, गिरिजा नंद चौहान, नरेंद्र ठाकुर, वासु देव शर्मा सदस्य हैं। 


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