पानी की किल्लत से हरियाणा से अलग होने की तैयारी
हिसार -जल संकट से जूझ रहे हरियाणा के हिसार जिले के तीन गांवों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। पानी की किल्लत से प्रभावित गांवों के लोग तो अब राज्य से अपना रिश्ता तोड़ने तक को तैयार हैं। गांव के लोग पड़ोसी सूबे राजस्थान में विलय के लिए। इसके लिए गांववासियों ने सरकार के सामने याचिका दाखिल करने का फैसला किया है। हिसार के कपारो, बसारा और बालावास गांवों के लोग लंबे समय से पीने के पानी की समस्या का निपटारा करने के लिए गुहार लगाते थक चुके हैं। बसारा गांव के लोगों का कहना है कि वे चाहते हैं कि उनका गांव राजस्थान में शामिल कर लिया जाए, क्योंकि वे हरियाणा सरकार से राहत की सारी उम्मीदें छोड़ चुके हैं। यह गांव राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है। बसारा गांव के भगत राम का कहना है कि हाल ही में हमारे गांव ने फैसला किया है कि हम राजस्थान के मुख्यमंत्री से गुजारिश करेंगे कि या तो हमारे गांव को गोद ले लें या इसका अपने राज्य में विलय कर लें। वकील नवीन राजली का कहना है कि संवैधानिक रूप से किसी राज्य के इलाके का दूसरे राज्य में इस तरह विलय नहीं किया जा सकता।
चार दिन बाद सिर्फ आधा घंटा ही पानी
बालावास गांव के सरपंच सुरेश कुमार का कहना है कि गांव में हर चार दिन में सिर्फ एक बार आधे घंटे के लिए पेयजल की सप्लाई होती है। सरपंच शैलेंद्र का कहना है कि 1971 से ही गांव में पानी सप्लाई की व्यवस्था सुचारु नहीं हो पाई है। तब से अब तक गांव की आबादी भी कई गुना बढ़ चुकी है और गांव में पर्याप्त पानी नहीं है। सरपंच का कहना है कि सीएम मनोहर लाल खट्टर ने 2017 में ही गांव के लिए जल परियोजना का ऐलान किया था, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है।
विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान
बालावास गांव में भी लोग तकरीबन दो महीने से इसी मुद्दे पर धरना दे रहे हैं। ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया था और अब गांववालों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की भी धमकी दी है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि हाल ही में कपारो गांव के लोगों ने पंचायत की निर्वाचित महिला सदस्य राजबाला पर हमला किया था। राजबाला के साथ पानी के मुद्दे का हल ढूंढने के लिए गांववालों की बैठक चल रही थी।
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