दिल्ली में फंसा एनडीपीएस संशोधन बिल

By: Jul 25th, 2019 12:01 am

राष्ट्रपति से मंजूरी का इंतजार, नशा तस्करों के खिलाफ सख्ती

शिमला – नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने वाला एनडीपीएस विधेयक अभी तक भी राष्ट्रपति भवन में ही फंसा हुआ है। हालांकि प्रदेश सरकार ने पिछले साल शीतकालीन सत्र के दौरान विधेयक को पारित किया था, जिसे राज्यपाल की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति को भेजा गया, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसे में जब तक राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं मिलती, तब तक प्रदेश में यह संशोधित कानून लागू नहीं हो सकता। जयराम सरकार ने सत्ता में आते ही नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कानून में संशोधन करने की कवायद शुरू कर दी। बताया गया कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोटॉपिक सबस्टेंस यानी एनडीपीएस एक्ट-1985 में संशोधन कर नशे को रोकने के लिए कड़े प्रावधानों के साथ अधिनियमित किया गया है। इसमें अपराधी को न्यूनतम 10 साल के कारावास की सजा का प्रावधान है, जिसे 20 साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा है, जिसे दो लाख रुपए तक भी बढ़ाया जा सकता है। नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी से प्राप्त संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान कर अधिनियम को संशोधित किया गया है। हिमाचल की सीमाएं पांच राज्यों के साथ लगती हैं और सीमावर्ती जिलों में नशा तस्कर काफी सक्रिय हैं। इनके खिलाफ पंजीकृत ज्यादातर मामले पड़ोसी राज्यों के हैं। इसके मद्देनजर राज्य सरकार की पहल पर पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक पिछले साल चंडीगढ़ में आयोजित की गई थी, ताकि इस सामाजिक समस्या को रोकने के लिए संयुक्त रणनीति तैयार की जा सके।

जमानत नहीं मिलेगी

संशोधित कानून के तहत प्रदेश में अब चुटकी भर चिट्टा, चरस, अफीम जैसे मादक पदार्थ के साथ पकड़े जाने पर भी जमानत नहीं मिल सकेगी। नशीले पदार्थों की थोड़ी मात्रा को भी अब गैरजमानती अपराध में लाया जाएगा। नशीले पदार्थ के साथ पकड़े जाने पर अब आरोपी सीधे जेल जाएंगे।


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