सिरमौर में बेटियों के लिए बेहतर काम
रैंकिंग में बेस्ट, महिला व बाल विकास मंत्रालय जिला प्रशासन की थपथापाएगा पीठ
नाहन —बेटियों के शिक्षा स्तर व लिंगानुपात में सुधार के आधार पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश का सिरमौर देश के शीर्ष 10 जिलों में शुमार हुआ है। समूचे प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है। शुक्रवार को देश के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने उपायुक्त डा. आरके पुरुथी को इस बाबत अवगत भी करवाया है। मंत्रालय की संयुक्त सचिव आस्था सक्सेना खटवानी ने उपायुक्त को भेजे पत्र में कहा है कि अभियान में सिरमौर में सराहनीय कार्य किया है। इसी को लेकर मंत्रालय ने बेहतरीन कार्य करने वाले जिलों को सात अगस्त को सम्मानित करने का फैसला लिया है। मंत्रालय ने प्रशासन से अभियान से जुड़ा 40 सेकेंड का वीडियो भी 30 जुलाई तक प्रेषित करने को कहा है। इस वीडियो को विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में टेलीकॉस्ट किया जाएगा। हालांकि पिछले कुछ सालों से कन्या जन्म दर में वृद्धि दर्ज हो रही थी, लेकिन गत वर्ष तो 1000 बेटों के मुकाबले 1004 बेटियों ने जन्म लिया। जिला की यदि खंडवार स्थिति पर प्रकाश डाला जाए, तो पांवटा साहिब विकास खंड में 1509 लड़कों के मुकाबले 1588 कन्या ने जन्म लिया था। सिरमौर में 2011 की जनगणना के मुताबिक कन्या जन्म दर लिंगानुपात 918 था, जो अब बढ़कर 963 हो गया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के कार्यकाल के दौरान 22 जनवरी, 2015 को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी, लेकिन सिरमौर में अभियान 2018 में शुरू हुआ। सितंबर, 2017 में सामने आए आंकड़ों में लिंगानुपात का आंकड़ा 916 से बढ़कर 956 हो गया था। इसके बाद ऐसी पंचायतों को चयनित किया गया था, जहां पर कन्या शिशु दर कम थी। नाहन विकास खंड की क्यारी पंचायत ने 2014 में ही अप्रत्याशित आंकड़े दिए थे।
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