कविता : मम्मी देखो न
Aug 7th, 2019 12:20 am
मम्मी देखो न
ये चांद टुकुर- टुकुर कर देखता है।
मुंह से तो वह कुछ न बोले
पर मन ही मन ये हंसता है।
चैन से मुझको ये सोने नहीं देता
खुद सारी रात चलता है।
मम्मी देखो न ये चांद टुकुर- टुकुर कर देखता है।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App