जम्मू-कश्मीर फतह

By: Aug 6th, 2019 12:09 am

* जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म, अब एक देश-एक कानून ही चलेगा *  केंद्र सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदला * घाटी में धारा 144 लागू; टीवी, मोबाइल व इंटरनेट सेवाएं बंद  * महबूबा मुफ्ती के साथ उमर अब्दुल्ला भी गिरफ्तार * देशभर से आठ हजार अतिरिक्त सैनिक मंगवाए गए * घाटी में इस समय 46000 अतिरिक्त सुरक्षाबल

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारी बहुमत के साथ दूसरी बार सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र रकार ने राजनीति रूप से दूरगामी प्रभाव वाले ऐतिहासिक फैसले के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के साथ ही इस सीमावर्ती क्षेत्र को दो भागों में बांटने और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश बनाने का कदम उठाया है। अब जम्मू-कश्मीर अलग तथा लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे। जम्मू-कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश की दिल्ली की तरह अपनी विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी। जम्मू-कश्मीर में अब राज्यपाल नहीं होगा, बल्कि वहां का प्रमुख उप राज्यपाल होगा। इस फैसले के बाद अब राज्य का अलग संविधान और अलग ध्वज नहीं रहेगा। राज्यसभा में यह बिल बहुमत से पारित हो गया है और मंगलवार को लोकसभा में पेश और संभवतः पारित भी करवा लिया जाएगा, क्योंकि सरकार के पास वहां बहुमत है। राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए को निष्प्रभावी कर उसके स्थान पर नया आदेश जारी किया। गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में भारी शोर-शराबे के बीच जम्मू- कश्मीर को विशेष दर्जे के प्रावधान वाले संविधान के अनुच्छेद 370 तथा अनुच्छेद 35ए को समाप्त करने का संकल्प पेश किया।  उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक भी पेश किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर को दो भाग में बांट कर उसके दोनों हिस्सों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रावधान है। भारतीय जनता पार्टी शरू से ही अनुच्छेद 370 को समाप्त करने  पर जोर देती रही है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर को एक तरह से स्वायत्तशासी राज्य का दर्जा मिला हुआ है। इस दर्जे के चलते देश के अन्य हिस्सों में लागू बहुत से कानून वहां अमल में नहीं आते हैं। विदेश, रक्षा, वित्त और संचार को छोड़कर अन्य विषयों से संबंधित कानूनों को जम्मू-कश्मीर में लागू करने से पहले वहां की अनुमति लेनी होती है। नागरिकता, मानवाधिकार, संपत्ति का अधिकार जैसे अहम मसलों पर जम्मू-कश्मीर में अलग कानून हैं। अनुच्छेद 370 से जुड़े 35ए के जरिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेष अधिकार प्रदान किए गए हैं। राज्य से बाहर के लोग न तो वहां स्थायी रूप से बस सकते हैं और न अचल संपत्ति खरीद सकते हैं। राज्य के स्थायी निवासियों को ही सरकारी नौकरी मिल सकती है, लेकिन अब यह सब कुछ खत्म हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती, अमरनाथ यात्रा को बीच में रोकने तथा पर्यटकों को घाटी से लौटने की सलाह दिए जाने के बाद से ही केंद्र सरकार द्वारा इस तरह के कदम उठाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कश्मीर में रविवार रात से धारा 144 लागू कर दी गई थी तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित प्रमुख विपक्षी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया था। कश्मीर के कई हिस्सों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंदी के बाद सोमवार शाम को गिरफ्तार कर लिया। उधर, सरकार के इस कदम पर संसद के दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ। पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सदस्यों ने संविधान की प्रति फाड़ने का प्रयास किया, जिस पर उन्हें राज्यसभा से बाहर निकाल दिया गया। कांग्रेस, तृण मूल कांग्रेस, द्रमुक तथा वामदलों ने सरकार के फैसलों का जहां कड़ा विरोध किया, वहीं बहुजन समाज पार्टी, अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस ने इनका समर्थन किया। भाजपा की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने इसके विरोध में राज्यसभा से बहिगर्मन किया। आम आदमी पार्टी ने भी सरकार के इस कदम का समर्थन किया है। जम्मू-कश्मीर के विभाजन के बाद देश में राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 रह जाएगी, जबकि केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या सात से बढ़कर नौ हो जाएगी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के साथ ही आठ हजार अतिरिक्त बलों को घाटी रवाना किया गया है। यूपी, ओडिशा, असम समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से इन अर्द्धसैन्य बलों को एयरलिफ्ट करके सी-17 विमान से कश्मीर भेजा गया है। इससे पहले पिछले हफ्ते 10 हजार और फिर 28 हजार अर्द्धसैन्य बलों की टुकड़ी घाटी में तैनात की गई थी। इसी के साथ अब कश्मीर घाटी में 46 हजार अतिरिक्त अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती हो गई है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारतीय थल और वायु सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

घाटी से धारा-370 हटाने का असर

* जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष अधिकार पूरी तरह से खत्म

* जम्मू-कश्मीर का अपना अलग से कोई संविधान नहीं होगा

* जम्मू-कश्मीर में अब दोहरी नागरिकता नहीं चलेगी

* देश का कोई भी नागरिक कश्मीर में संपत्ति खरीद सकेगा

* देश का कोई भी नागरिक वहां वोटर और प्रत्याशी बन पाएगा

* जम्मू-कश्मीर में अलग झंडा नहीं, तिरंगा ही फहराया जाएगा

* बाकी देश की तरह जे एंड के में लागू होगा हर एक कानून

* राज्यपाल का पद खत्म, राज्य की पुलिस केंद्र के हवाले

* राष्ट्रपति कोमिला राज्य सरकार बर्खास्त करने का अधिकार

* आरटीआई और सीएजी जैसे सारे कानून यहां भी लागू होंगे

* बाहरी राज्य के लोगों को भी यहां मिल सकेगी नौकरी

* सभा में 61 के मुकाबले 125 वोट से पास हुआ

* पुनर्गठन विधेयक, आज लोकसभा में पेश होगा बिल

राज्यसभा में 61 के मुकाबले 125 वोट से पास हुआ पुनर्गठन विधेयक, आज लोकसभा में पेश होगा बिल

जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित राज्य होगा, राज्य की विधानसभा का कार्यकाल छह साल की जगह पांच साल होगा

लद्दाख चंडीगढ़ जैसा केंद्र शासित प्रदेश, यहां विधानसभा नहीं होगी। चंडीगढ़ की तरह चलाया जाएगा प्रशासन 


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