टेक्नोमैक केस में ईडी का प्रस्ताव खारिज

By: Aug 1st, 2019 12:01 am

कंपनी की संपत्तियां नीलाम करने संबंधी अदालती आदेश रोकने की थी मांग

शिमला – प्रदेश हाई कोर्ट ने इंडियन टेक्नोमैक कंपनी में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें मामले की जांच पूरी होने तक कंपनी की संपत्तियों की नीलामी के बारे में प्रस्तावित अदालती आदेशों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। अदालत को बताया गया था कि कंपनी की संपत्ति की  नीलामी अनुसूची तय कर दी गई है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने इस मामले में दो अगस्त तक नीलामी का शेड्यूल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए। गौरतलब है कि सीआईडी ने टेक्नोमैक कंपनी लिमिटेड जगतपुर पांवटा साहिब द्वारा राज्य सरकार का लगभग 21 सौ करोड़ रुपए का टैक्स न अदा करने पर फैक्टरी को आबकारी एवं कराधान विभाग ने सीज किया है। कंपनी द्वारा जारी दस्तावेजों को तैयार कर व अधिक उत्पादन दर्शा कर केवल मात्र विभिन्न बैंकों से ऋण लेने के लिए षड्यंत्र रचा गया, जिससे हिमाचल सरकार को भारी कर नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त कंपनी प्रबंधन ने पांवटा साहिब स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग व अन्य विभागों से मिलीभगत कर कंपनी के बीच होने के बाद भी कंपनी के अंदर रखे हुए सामान व स्क्रैप को चोरी छिपे बाहर निकाला है। स्क्रैब का एक ट्रक पुलिस द्वारा बरामद किया गया। कंपनी की संपत्ति को अटैच करने के उपरांत इस तरह कंपनी प्रबंधन द्वारा स्क्रैच बेचना कानूनन सही नहीं है। सीआईडी इस बड़े घोटाले को लेकर पिछले दो साल से जांच कर रही है।

शिमला की बैन सड़कों पर गाडि़यां दौड़ाने के मामले की सुनवाई टली

शिमला शहर की सील्ड व रिस्ट्रिक्टेड सड़कों पर बिना परमिट के गाडि़यां दौड़ाने पर लगाई रोक संबंधी आदेशों के मामले पर सुनवाई 22 अगस्त के लिए टल गई है। कोर्ट ने जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक शिमला को अगली सुनवाई तक ताजा स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि शिमला की रिस्ट्रिक्टेड व सील्ड सड़कों पर कोई भी गाड़ी पार्क न हो। कोर्ट ने इन अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि उक्त सड़कों पर बिना परमिट के गाडि़यों को चलाने की कोई अनुमति न हो। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने अपने आदेशों में यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि शिमला शहर की सभी सड़कों पर गलत पार्किंग न हो और गाडि़यों को केवल पीली व सफेद लाइन के अंदर ही खड़ी करने की इज्जाजत हो। कोर्ट ने अपने आदेशों में यह स्पष्ट किया था कि उपरोक्त आदेशों की अनुपालना के लिए दोनों अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी आदेश जारी कर पूरे प्रदेश में गाडि़यों की चैकिंग कर यह पता लगाने के आदेश दिए थे कि कोई गाड़ी मिट्टी के तेल से तो नहीं चलाई जा रही। मामले पर सुनवाई 22 अगस्त को होगी।


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