बरसात में सांपों से सावधान

By: Aug 1st, 2019 12:01 am

धर्मशाला – बरसात के दिनों में प्रदेश भर सहित जिला कांगड़ा के मैदानी इलाकों सहित अब पहाड़ी क्षेत्रों में भी सांप के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में बरसात के दिनों में लोगों को अधिक जागरूक व सावधान रहने की जरूरत है। अधिक बारिश के दौरान चूहों का शिकार करने के लिए सांप घरों के अंदर तक भी पहुंच रहे हैं। इस दौरान ही अधिकतर लोगों को सांप द्वारा काटे जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इसके चलते अब स्वास्थ्य विभाग और  वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने भी लोगों को सजग रहने की हिदायत दी है। इसमें घरों में प्रवेश के खुले सभी स्थानों को पूरी तरह बंद करने, आसपास सामान इकठ्ठा न करने और सफाई रखने की भी सलाह दी है।  बता दें कि बरसात के दिनों में लगातार सांप काटने के मामले सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं, कई घरों में सांप के घुसने से भी लोगों में दहशत बनी हुई है। मैदानी क्षेत्रों के साथ पहाड़ी इलाकों में भी अब सांप काटने के मामले सामने आ रहे हैं। जिला मुख्यालय धर्मशाला के नजदीक दाड़ी में शुक्रवार को देर रात घर के अंदर ही सांप ने एक व्यक्ति को डस लिया। उसे टीएमसी रैफर किया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। डीएफओ वाइल्ड लाइफ डीएस डढवाल ने बताया कि लोगों को अपने घर के सभी ओपन स्पेस को बंद कर देना चाहिए, ताकि किसी भी रास्ते से सांप घर में प्रवेश न कर सकें। सांप द्वारा काटे जाने के अधिकतर मामले घरों के अंदर ही सामने आते हैं, ऐसे में लोगों को सजग रहने की जरूरत है।

ये चार सांप सबसे जहरीले

प्रदेश में अधिकतर सांप अधिक जहरीले नहीं हैं, लेकिन उनकी सही पहचान आम लोगों को नहीं है। हिमाचल में सबसे अधिक जहरीले सांप बिग फोर कोबरा, केरेट, सॉ-स्केल वाइपर व रश्ल वाइपर (घुग) शामिल हैं। भारत में सबसे अधिक मौतें रश्ल वाइपर के काटने से होती हैं। 

बरसात में अपनाएं ये उपाय

बरसात में संर्पदंश की घटनाओं से बचने के लिए अलर्ट रहना जरूरी है। इसमें घर के प्रवेश करने वाले सभी स्थानों को बंद करना चाहिए। जिसमें किचन व बाथरूम से पानी निकासी के रास्ते को भी बंद करना जरूरी है। लकडि़यां, पत्थर व गंदगी दिवारों के साथ न रखें, घर में नीचे न सोएं, बैडशीट को भी बैड में नीचे नहीं लटकाना चाहिए, अंधेरे वाले स्थान में बिना रोशनी के न जाएं और घास में भी संभल कर चलें।

सांप के काटने पर ये करें   

सांप के काटने पर बिना घबराएं हुए पीडि़त को अपने शरीर को अधिक हिलाना नहीं चाहिए। सबसे पहले 108 एंबुलेंस को फोन करना चाहिए। साथ ही जितना जल्दी हो सके उसे अस्पताल में पहुंचना चाहिए। प्रदेश के अस्पतालों में ही एंटी स्नैक वैनम दवा की सुविधा रखी गई है। यह सुविधा एंबुलेंस 108 में भी प्रदान की गई है। पीडि़त को इस दौरान कुछ भी खिलाना-पिलाना नहीं चाहिए।


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