बिन शिक्षक शिक्षा कैसी

By: Aug 29th, 2019 12:01 am

मंत्री के बयान पर राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ खफा

मंडी – राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के उस बयान के खिलाफ  मोर्चा खोल दिया है, जिसमें शिक्षा मंत्री ने विधानसभा सत्र में विधायक विनोद कुमार और जवाहर ठाकुर के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश के 100 से कम छात्र संख्या वाले मिडल स्कूलों में कला व शारीरिक शिक्षकों के पद नहीं भरे जाएंगे। संघ का कहना है कि अगर मिडल स्कूल में 60 या 70 बच्चे हैं, तो उनके भविष्य के साथ कैसे खिलवाड़ किया जा सकता है। क्या शिक्षा का अधिकार नियम में हिमाचल की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आरटीई नियम में छूट नहीं ली जा सकती। आरटीई  अधिनियम सिर्फ सरकारी स्कूलों पर ही लागू होता, जबकि निजी स्कूलों पर नहीं। एनसीटीई नियम के अनुसार 35 बच्चों पर एक अध्यापक का प्रावधान है, तो सी एंड वी वर्ग से यह भेदभाव क्यों। शिक्षा मंत्री के इस बयान से सी एंड वी अध्यापक संघ को बहुत ठेस पहुंची है। संघ ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि इन पदों को भरने का प्रस्ताव कैबिनेट में शीघ्र लाया जाए, ताकि बच्चों के साथ अन्याय न हो। राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने कहा कि शिक्षा मंत्री का यह बयान कि प्रदेश के 100 से कम छात्र संख्या वाले मिडल स्कूलों में पीईटी व डीएम के पद नहीं भरे जाएंगे, दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर प्रदेश सरकार कैबिनेट में इन पदों को भरने के लिए कदम नहीं उठाया, तो संघ छात्र हित में संघर्ष करने को विवश होगा।


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