लोन डिफॉल्ट की देनी होगी पूरी जानकारी
मुंबई – भारत की साख की गणना करने वाली रेटिंग एजेंसियों को अब लोन डिफॉल्ट की जानकारी उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की हीला-हवाली नहीं चलेगी। उन्हें हर हाल में इससे संबंधित जानकारी उपलब्ध करानी ही होगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के ताजा फैसले के अनुसार अब कंपनियों को लोन डिफॉल्ट से संबंधित पूरी जानकारी रेटिंग एजेंसियों को मुहैया करानी अनिवार्य होगी। यह निर्णय ऐसे स्थिति में किया गया है, जबकि बैंक अपने ग्राहकों की गोपनीयता का हवाला देकर कंपनियों की ओर से ऋण की किस्ते चुकाने में देरी या चूक होने की जानकारी देने से कतराते हैं। इसको लेकर चिंताओं के बीच बाजार नियामक ने बुधवार को नए नियमों की घोषणा की। बड़ी कंपनियों के ऋण भुगतान में चूक के काफी मामले सामने आए हैं। इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनांशियल सर्विसेज (आईएल एंडए फएस) का मामला भी सामने आया है। इससे क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां भी सवालों के घेरे में आ गई हैं। रेटिंग एजेंसियों द्वारा जिन प्रतिभूतियों या इकाइयों की रेटिंग दी गई है, उनको लेकर संभावित जोखिमों का वे पता लगाने में विफल रही हैं। हालांकि, रेटिंग एजेंसियों ने इसका पूरा दोष कंपनियों पर डालते हुए कहा है कि उन्हें बैंक के ऋण भुगतान में विलंब या चूक से संबंधित पूरी जानकारी इकाइयों द्वारा उपलब्ध नहीं कराईजाती है। अधिकारियों ने कहा कि कई ऐसे मौके आएहैं, जब कुछ इकाइयों ने नियामकीय खामियों का फायदा उठाया है।
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