ई-टेंडर से दवा उपकरण खरीद

By: Sep 15th, 2019 12:05 am

पारदर्शिता लाने के लिए प्रदेश में पहली बार शुरू हुई प्रणाली

शिमला  – प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में सभी दवाइयों, शल्य चिकित्सा उपकरणों और अन्य उपभोग्य सामग्री की खरीद में पूर्ण पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार ई-टेंडर प्रणाली आरंभ कर दी है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर साफ किया है कि इसके अंतर्गत दवा निर्माताओं व आयातकों से सीधे तौर पर निविदाएं आमंत्रित की गईं। इनमें 118 फर्मों ने भाग लिया और 73 फर्म स्वीकृत की गईं। अब सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और मेडिकल कालेजों के लिए सभी प्रकार की दवाइयों और उपकरणों की खरीद का कार्य ई-टेंडर के माध्यम से किया जा रहा है। दवा खरीद पर अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि वर्ष 2018 से पूर्व यह कार्य राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड की ओर से निर्धारित किए जाने वाले रेट कांट्रैक्ट के आधार पर होता था। विभाग के मुताबिक सरकार ने इस कार्य के लिए 42 फर्मों को सूचीबद्ध किया गया है। ऐसे में किसी एक व्यक्ति विशेष को यह कार्य देने का सवाल ही नहीं उठता। विभाग के मुताबिक ड्रग्स वैक्सीन वितरण प्रणाली पोर्टल के माध्यम से एल-1 बीडर्ज सफल बोलीदाता के कोड को जनरेट करके सभी आपूर्ति आदेश जारी किए जा रहे हैं। इस प्रणाली को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, खंड चिकित्सा अधिकारी के स्तर पर संचालित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक  रेट कांट्रैक्ट के आधार पर अधिकतर दवाएं लेने के प्रयास किए गए और जो दवाएं रेट कांट्रैक्ट राज्य दर उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें सीपीएसयू, मेडिकल कालेजों व ईएसआई की अनुमोदित दरों, बीपीपीआई दरों तथा स्थानीय निविदाओं के आधार पर खरीदा जा रहा है।

नियमों की खिलाफत पर कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के मुताबिक वर्ष 2019 में लगभग 44 करोड़ रुपए की दवाइयां खरीदने के आदेश दिए गए हैं। इसमें लगभग 8.33 करोड़ की राशि जिला मंडी से संबंधित है। सारी खरीद प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित दरों पर की गई है। ब्रांडेड दवाएं किसी भी सीएमओ, बीएमओ या चिकित्सा अधीक्षक द्वारा नहीं खरीदी जा सकत हैं।

चार्जशीट होंगे अधिकारी

स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि आयुर्वेद विभाग में अधिक दरों पर दवाइयों को खरीदने पर सवाल है, विभाग के तत्कालीन निदेशक को राजकीय कोष में 39 लाख रुपए के नुकसान और कुप्रबंधन के लिए चार्जशीट किया गया है। इसी प्रकार क्रय समिति के तीन सदस्यों को भी निलंबित किया गया है और लापरवाही व राजकोष में घाटे के लिए चार्जशीट किया जा रहा है। विभाग ने साफ किया है कि इसी प्रकार, जिला मंडी के एक डाक्टर द्वारा दो रुपए के बजाय 16 रुपए के अधिक मूल्य पर दवाइयां खरीदने संबंधी जो मामला उठाया गया है, वह निराधार है और विभाग के संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पालमपुर में दवाई की दुकान के आबंटन के संबध में पेश आया मामला भी झूठा और आधारहीन है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App