एमसीएम गर्ल्ज कालेज में कार्यशाला
चंडीगढ़ – मेहर चंद महाजन डीएवी कालेज फॉर वूमन के फिलॉसोफी विभाग के एमसीएम सोफिस क्लब काउंसिल ऑफ फॉलोफिकल रिसर्च के सहयोग से प्रयास श्रेयस : भारतीय परंपरा के माध्यम से उचित निर्णय लेने की क्षमता का विकास नामक एक व्याख्यान आयोजित किया। इस व्याख्यान का उद्देश्य छात्राओं को उच्च नैतिक दायित्वों के प्रति प्रेरित करना था। पंजाब यूनिवर्सिटी में यूनिवर्सिटी ऑफ ओपन लर्निंग के फिलोसोफी एवं विवेकानंद स्टडीज के को-ओर्डिनेटर सुधीर बावेजा ने श्रेयस और प्रेयस की अवधारणा से छात्राओं को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि भौतिक साधनों एवं इच्छाओं की पूर्ती हेतु किए गए प्रयत्न क्षणिक आनंद देते हैं, जो प्रेयस की श्रेणी में आते हैं। दूसरी ओर सनातन आनंद एवं संतुष्टि के लिए किए गए प्रयत्न श्रेयस की श्रेणी में आते हैं। श्री बावेजा ने कहा कि जीवन में अच्छे बुरे सही गलत तथा पाप पुण्य के बीच चुनाव का संघर्ष चलता रहता है। उपनिषदों से हमें न केवल आत्मज्ञान प्राप्त होता है, अपितु उचित निर्णय लेने की क्षमता भी प्राप्त होती है। हमारी परंपराएं एवं प्राचीन साहित्य हमें नैतिक जीवन जीने के दिशा निर्देश देते हैं। इस मौके पर कालेज की प्रिंसिपल डा. निशा भार्गव ने प्रेयस और श्रेयस को अर्थशास्त्र से जोड़ते हुए कहा कि जब हम कुछ विशिष्ट लोगो की भलाई के लिए कार्य करते हैं, तो वह प्रेयस तथा जब जब जनसामान्य के लिए कार्य करते हैं, तो वह श्रेयस कहलाता है। उन्होंने कहा कि हमें समाज की भलाई एवं उन्नति के लिए कार्य करना चाहिए ।
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