पूर्व विधायकों के परिवार को भी यात्रा भत्ता

By: Sep 1st, 2019 12:01 am

मंत्री-विधायकों के पेंशन-भत्तों से संबंधित संशोधन बिल में एक और संशोधन

शिमला – माननीयों के यात्रा भत्ते में की गई बढ़ोतरी के बाद राज्य सरकार ने अब पूर्व विधायकों के परिवार को भी विदेशी सैर-सपाटे की सुविधा प्रदान कर दी है।  इससे पहले पूर्व विधायक व उनकी पत्नी को ही सरकारी खर्च पर यात्रा भत्ता दिया जाने का प्रावधान था। अहम है कि शनिवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र में मंत्री-विधायकों के पेंशन तथा भत्तों में संशोधन में एक और संशोधन का बिल पारित हुआ। दो दिन पहले सिर्फ पूर्व विधायकों को अपनी पत्नियों सहित ही यात्रा भत्ते की सुविधा थी। अहम है कि कांग्रेस विधायक  सुक्खू  ने यात्रा भत्ता बढ़ोतरी से असंतुष्ट होकर वेतन तथा पेंशन में बढ़ोतरी की मांग उठाई। विधायक रामलाल ठाकुर ने हिमाचल के विधायकों का वेतन राज्य के मुख्य सचिव से एक रुपया अधिक होने की मांग उठा दी। विधायक हर्षवर्द्धन ने भी विधायकों को अधिक सुविधाओं का प्रस्ताव रखा। बहरहाल, हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन माननीयों के लिए चार लाख सालाना निःशुल्क यात्रा भत्ते का बिल पारित हो गया। अमूमन सदन के भीतर सत्ता पक्ष का विरोध करने वाली कांग्रेस ने भी बिल के समर्थन में खूब उत्साह दिखाया। सदन में विरोध की अकेली आवाज माकपा नेता राकेश सिंघा की थी। उन्होंने बिल का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की, लेकिन कांग्रेस के विधायक सुक्खू और रामलाल ठाकुर ने बिल के पक्ष में जोरदार दलीलें दीं। रामलाल ठाकुर ने तो यहां तक कहा कि विधायकों का स्टेटस राज्य के मुख्य सचिव के बराबर है। लिहाजा उन्हें मुख्य सचिव से एक रुपए अधिक वेतन मिलना चाहिए। मुख्य सचिव का वेतन अढ़ाई लाख महीना है। विधायकों को वेतन व भत्तों सहित 2.10 लाख रुपए मासिक मिलते हैं। कांग्रेस की तरफ से हर्षवर्धन चौहान, सुखविंदर सुक्खू व रामलाल ठाकुर ने बिल के समर्थन में अपने तर्क रखे। वहींए विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि आम आदमी पार्टी का उदय इन्हीं मुद्दों पर हुआ था। अब दिल्ली में दो विधानसभा क्षेत्रों पर एमएएल के लिए एक रिसर्चर की नियुक्ति है, जिसे एक लाख रुपए वेतन दिया जाता है। दिल्ली में विधायकों को तीन लाख रुपए मासिक वेतन-भत्ते के रूप में मिलते हैं।

इस तरह की सुविधाएं

बिल के प्रावधानों के अनुसार विधायकों से लेकर मंत्रियों व अन्य सभी माननीयों को अब सालाना चार लाख रुपए निशुल्क यात्रा भत्ता मिलेगा। इस सुविधा में विधायक के परिवार के साथ उनके अटेंडेंट को भी शामिल किया गया है। रेल, विमान के साथ टैक्सी से भी यात्रा खर्च की अधिकतम सीमा चार लाख होगी। टैक्सी का बिल चालीस हजार रुपए तक लिया जा सकेगा। 

सिर्फ राकेश सिंघा ने किया विरोध

विधायक राकेश सिंघा ने माननीयों के वेतन व पेंशन बढ़ोतरी के प्रस्ताव का जबरदस्त विरोध किया। उनका कहना था कि देश की अर्थव्यवस्था डूब रही है। ऐसे में हम लोग अपने यात्रा भत्ते बढ़ाएंगे, तो इसका समाज में गलत संदेश जाएगा। इस कारण उन्होंने मंत्री-विधायकों के वेतन-भत्तों के बढ़ोतरी के प्रसताव पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। बावजूद इसके भिजपा-कांग्रेस ने बिल पास करवा लिया। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि बेशक सालाना 1.99 करोड़ का अतिरिक्त बोझ एक बड़ी रकम नहीं है, लेकिन इससे समाज में संकेत क्या जाएगा। उन्होंने कहा व्हाट वी प्रीच, वी शुड प्रैक्टिस दैट। माकपा विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से आग्रह किया कि कृपया करके इस बिल को पारित न करें।

मुख्य सचिव से एक रुपया ज्यादा मिले

कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने भी बिल के समर्थन में खूब जोश भरी बातें कहीं। उन्होंने तो यहां तक कहा कि विधायकों को मुख्य सचिव के एक रुपए प्रतीकात्मक रूप से अधिक वेतन मिलना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि बिल के नाम को बदला जाए। इस नाम ने विधायकों को बदनाम किया है। बिल का नाम वेतन-भत्तों में संशोधन से जुड़ा है। लिहाजा मीडिया के जरिए जनता में संदेश जाता है कि विधायकों का वेतन बढ़ रहा है। इसे बिहार की तर्ज पर कर दो। उन्होंने कहा कि कई विधायक तो इस सुविधा को अवेल ही नहीं करते। रामलाल ठाकुर ने बिल के समर्थन के साथ ही यह भी कहा कि विधायकों का वेतन मुख्य सचिव से एक रुपए अधिक होना चाहिए। बाद में बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

सुखविंदर सुक्खू का विधेयक के पक्ष में जोरदार समर्थन

कांग्रेस विधायक सुखविंदर सुक्खू ने जोरदार तरीके से बिल का समर्थन किया। उन्होंने साफ कहा कि विधायकों की सुविधा में और विस्तार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़ा संघर्ष करने के बाद विधायक बनते हैं। हिमाचल निर्माता यशवंत सिंह परमार ने 48 साल पहले सोचा था कि विधायकों को पेंशन भी मिलनी चाहिए, जब उन्होंने एक पूर्व विधायक को सड़क किनारे रोड़ी कूटते देखा था। विधायकों को इस बात को स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि उन्हें कितना वेतन-भत्ता मिलता है। सुक्खू ने तो यहां तक कहा कि यह बिल नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली बात दर्शाता है। उन्होंने कहा कि चार लाख सालाना यात्रा भत्ता विधायकों को तब मिलेगा, जब वह इसे क्लेम करना चाहें। उन्होंने कहा कि एक डाक्टर 2.50 लाख रुपए मासिक वेतन लेता है। विधायक प्रोटोकॉल में मुख्य सचिव के बराबर होता है। वास्तविकता से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।  कांग्रेस के हर्षवर्धन ने कहा कि इसमें चर्चा की जरूरत नहीं कि भत्ता बढ़ना चाहिए।


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