200 फोरेस्ट गार्ड्स को चाहिए हथियार

By: Sep 11th, 2019 12:30 am

शिमला – वनों की रक्षा करने वाले प्रदेश के फोरेस्ट गार्ड जल्द ही हथियार से लैस होंगे। हथियार खरीदने के लिए अब तक 200 आवेदन आ चुके हैं। प्रदेश सरकार ने यह फैसला किया था कि हथियार खरीदने के लिए सरकार 15 हजार रुपए की सबसिडी देगी। पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय 12 हजार रुपए की सबसिडी मिलती थी। वन विभाग के मुताबिक प्रदेश सरकार ने सबसिडी के लिए बजट का प्रावधान भी कर दिया है। हालांकि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में करसोग स्थित कतांडा बीट में वन रक्षक होशियार सिंह की हुई हत्या के बाद वन रक्षकों को हथियार देने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। उसे अब वर्तमान जयराम सरकार फॉलो कर रही है। ऐसे में वन रक्षकों को हथियार जैसे पिस्टल या गन खरीदने की प्रक्रिया आगे चल रही है। अब तक वन विभाग के पास 200 फोरेस्ट गार्ड ने हथियार के लिए आवेदन किए हैं। प्रदेश सरकार प्रति हथियार 15 हजार रुपए सबसिडी भी दे रही है। इसके  अलावा जितनी राशि लगेगी, वह संबंधित फोरेस्ट गार्ड व्यय करेंगे। जानकारी के मुताबिक जिन फोरेस्ट गार्ड ने हथियार के लिए आवेदन किए हैं, उन्हें सरकार एक साथ लाइसेंस जारी करेगी। बताया गया कि संवदेनशील एवं अति संवेदनशील सर्किल और बीट पर सेवाएं देने वाले वन रक्षकों को प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले हथियार मिलेंगे। उसके बाद यदि किसी फोरेस्ट गार्ड का तबादला भी हो जाता है, तो उससे हथियार वापस नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही सेवानिवृत्त होने के बाद भी वह हथियार संबंधित फोरेस्ट गार्ड के पास ही रहेगा।

होशियार सिंह प्रकरण के बाद जागी सरकार

जून, 2017 में करसोग की कतांडा बीट में हुई वन रक्षक होशियार सिंह की हत्या के बाद ही प्रदेश सरकार जागी। पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार ने वन रक्षकों की सेवाओं को संवेदनशील मानते हुए उन्हें हथियार देने की घोषणा की थी। वन विभाग ने सभी सर्किल के अफसरों को एक बार फिर से निर्देश दिए हैं कि कोई भी इच्छुक वन रक्षक हथियार के लिए कभी भी आवेदन कर सकते हैं।


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