कैसे पाएं मनचाही सफलता

By: Oct 31st, 2019 12:10 am

पीके खुराना

राजनीतिक रणनीतिकार

सफलता की कामना सब करते हैं पर ज्यादातर लोग कामना तक ही सीमित रहते हैं, वे सफल होना चाहते हैं पर सफलता के लिए कुछ करने को तैयार नहीं हैं। वे चाहते हैं कि सफलता किसी लॉटरी की तरह खुद ही उनकी झोली में आ गिरे। इसमें आलस्य, अज्ञान और अहंकार, तीनों का ही बड़ा हाथ है। इन तीनों के अलावा ‘कंफर्ट जोन’ की संतुष्टि और ‘भयभीत मानसिकता’ भी ऐसे ही रोग हैं जो आदमी को आगे नहीं बढ़ने देते हैं…

हम सब सफल होना चाहते हैं, अमीर होना चाहते हैं, स्वस्थ रहना चाहते हैं, जीवन में शांति चाहते हैं और खुश रहना चाहते हैं। सफलता की कामना सब करते हैं, पर ज्यादातर लोग कामना तक ही सीमित रहते हैं, वे सफल होना चाहते हैं पर सफलता के लिए कुछ करने को तैयार नहीं हैं। वे चाहते हैं कि सफलता किसी लॉटरी की तरह खुद ही उनकी झोली में आ गिरे। इसमें आलस्य, अज्ञान और अहंकार, तीनों का ही बड़ा हाथ है। इन तीनों के अलावा ‘कंफर्ट जोन’ की संतुष्टि और ‘भयभीत मानसिकता’ भी ऐसे ही रोग हैं जो आदमी को आगे नहीं बढ़ने देते। हम हर रोज सोचते हैं कि कल सवेरे से सैर शुरू कर देंगे, कल फलां-फलां काम निपटा लेंगे और वह ‘कल’ कभी नहीं आता, क्योंकि हमारे पास तो हमेशा ‘आज’ होता है।

हर कठिन या अप्रिय काम को कल पर टालने की आदत आलस्य का प्रतीक है जो व्यक्ति का दुर्भाग्य बन जाती है। सफलता की राह में अज्ञान दूसरी बड़ी कठिनाई है। अज्ञानवश हम सयाने लोगों की सलाह नहीं मानते और नई बातें सीखने की कोशिश ही नहीं करते। जमाना बदल रहा है, तकनीक बदल रही है, जीवनशैली बदल रही है, लोगों की जरूरतें बदल रही हैं, ऐसे में नई समस्याएं भी पैदा हो रही हैं। तकनीक में उन्नति के कारण नए कौशल सीखने की आवश्यकता होती है। जब हम ऐसा नहीं करते तो अंततः हम पिछड़ जाते हैं। इसी प्रकार अहंकार व्यक्ति की आंखें बंद कर देता है। अहंकार में डूबा व्यक्ति खुद को सर्वज्ञानी मानता है और किसी दूसरे की नहीं सुनता। कई बार ऐसा व्यक्ति सफलता के लिए आवश्यक कामों को अपने स्तर से छोटा मानकर उन्हें नहीं करता और अपने ही दायरे में सीमित होता चला जाता है।

आखिरकार वह समय आ ही जाता है जब एक ठोकर लगती है और तब वह व्यक्ति महसूस करता है कि उसने भारी भूल कर दी। वस्तुतः यह समझना बहुत आवश्यक है कि बहुत से लोग न आलसी हैं, न अज्ञानी हैं और न ही वे अहंकारी हैं, बस वे अपने ‘कंफर्ट जोन’ में बैठे हैं और अपनी उसी स्थिति में खुश हैं। यह बहुत कुछ आपकी आकांक्षाओं और सपनों पर निर्भर करता है कि आप सफलता के लिए, या यूं कहिए कि बड़ी सफलता के लिए कुछ करेंगे या नहीं।  असफलता का भय इसलिए बड़ा होता है कि आदमी दुनिया की नजरों में गिर जाने के डर, धन-संपत्ति के नुकसान के डर, प्रतिष्ठा खोने के डर, और हंसी का पात्र बन जाने का डर, अनिर्णय की स्थिति के बड़े कारण हैं।

सवाल उठता है कि सफल होने के लिए हमें आखिर क्या करना चाहिए? फ्लाई अनलिमिटेड वर्ल्डवाइड के माध्यम से हम ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन करते रहते हैं जहां हम सफलता की तकनीक पर विचार-विमर्श करते हैं और कार्यशाला के प्रतिभागी, ‘मेंटर’ के अनुभव का लाभ उठाते हैं। ये तकनीकें बहुत कारगर साबित होती हैं और उनके वर्णन मात्र से भी लाभ उठाया जा सकता है। सफलता की ओर पहला कदम तो यह ही है कि मन में सफलता की इच्छा बलवती हो। यह समझना कठिन नहीं है कि हमारे जीवन में मैंटर, यानी मार्गदर्शक की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। कल्पना कीजिए कि आप कोई व्यवसाय आरंभ करना चाहें और बिल गेट्स आपके मैंटर हो जाएं, आप कोई सेवा कार्य करना चाहें और मदर टेरेसा आपकी मैंटर हो जाएं, आप जनसामान्य के लिए कुछ करना चाहें और महात्मा गांधी आपके मैंटर हो जाएं, आप स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहें और वारेन बफे आपके मैंटर हो जाएं। यह समझना आवश्यक है कि जीवन में परिपूर्णता भरी सफलता के लिए कई मैंटर हो सकते हैं, होते ही हैं, होने ही चाहिएं ताकि आपको जीवन के हर क्षेत्र में उनके अनुभव का लाभ मिल सके।

जीवन की चार मूलभूत आवश्यकताओं पर फोकस हो जाए तो व्यक्ति समाज के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होता है और खुद उसका अपना जीवन भी सुखमय हो जाता है। फ्लाई अनलिमिटेड वर्ल्डवाइड में हम इसे ‘एचएचपीपी फार्मूला’ कहते हैं जो हैल्दी ‘स्वस्थ’, हैपी ‘खुशी भरा’,  पीसफुल ‘शांतिपूर्ण’, प्रॉसपेरस ‘समृद्ध’ जीवन का फार्मूला है। आदमी गरीब हो तो परिवार और समाज को ज्यादा कुछ नहीं दे सकता, गरीबी के कारण उसका पारिवारिक जीवन अशांत भी हो सकता है। लेकिन अमीर हो और बीमार हो या मन में शांति न हो तो अमीरी भी किस काम की? इसलिए इन चारों तत्त्वों के योग से बना जीवन ही परिपूर्ण माना गया है।

बिल गेट्स या वारेन बफे से हर व्यक्ति नहीं मिल सकता, मदर टेरेसा और महात्मा गांधी अब इस संसार में नहीं हैं, पर हम उन पर लिखी या उनके द्वारा लिखी पुस्तकें पढ़कर उनके वर्षों के ज्ञान का लाभ उठा सकते हैं। मैंटर की ही तरह सफलता के लिए पुस्तकों का बहुत महत्त्व है। हर सफल व्यक्ति आवश्यक रूप से अच्छा पाठक होता ही है। सफल व्यक्तियों की एक और खासियत है, जहां तक संभव हो नई जगहों की यात्रा करना, नए-नए लोगों से मिलना, उन्हें समझना और उनसे सीखना। जीवन में सफलता के लिए व्यायाम करना, स्वास्थ्यकर भोजन लेना, पुस्तकें पढ़ना, यात्रा करना, लोगों से मिलना और भिन्न-भिन्न लोगों के अनुभव से सीखना आवश्यक है।

अंतिम सूत्र यह है कि आपके जीवन में तीन तरह के मित्र होने चाहिएं, वे जो सफलता में आपसे बहुत नीचे हैं, वे जो आपके स्तर के हैं और वे जो आपसे कम से कम दस-बीस साल आगे हैं। संघर्षरत व्यक्तियों के साथ से आपमें दया की भावना विकसित होगी जो सफलता के लिए बहुत आवश्यक है। आपके बराबर के लोग हमेशा आपका हाथ पकड़े रहेंगे। अत्यंत सफल व्यक्ति आपको सफलता की राह दिखाएंगे। याद रखिए, हर सफल व्यक्ति हमेशा दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं, इसलिए उनसे संपर्क में हिचक नहीं होनी चाहिए। सफलता के इन सूत्रों को समझ कर हम सफलता के शिखर पर पहुंच सकते हैं।

ई-मेलःindiatotal.features@gmail                                          


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