रघुनाथ रथ यात्रा से आज दशहरे का आगाज

By: Oct 8th, 2019 12:30 am

कुल्लू में सैकड़ों देवी-देवता होंगे शरीक, राज्यपाल करेंगे अंतरराष्ट्रीय उत्सव का शुभारंभ

कुल्लू- अठारह करडू की सौह ढालपुर कुल्लू में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आगाज मंगलवार को भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा के साथ होगा, यहां रथ खींचने के लिए हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे। दशहरे का शुभांरभ राज्यपाल करेंगे। आठ अक्तूबर से शुरू होने वाला अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव 14 अक्तूबर तक मनाया जाएगा। इस रथ यात्रा में भाग लेने के लिए जनपद के सैकड़ों देवी-देवता व हजारों लोग ढालपुर मैदान पहुंच चुके हैं। गौर रहे कि 1650 ई. में कुल्लू रियासत के राजा जगत सिंह ने नग्गर से स्थानांतरित करके सुल्तानपुर में स्थापित की। तब एक दिन राजा को किसी दरबारी ने सूचना दी कि मड़ोली (टिप्परी) के ब्राह्मण दुर्गादत्त के पास सुच्चे मोती हैं। राजा ने इससे मोती मांगे, लेकिन उसके पास मोती नहीं थे। राजा के भय के कारण दुर्गादत्त ने अपने परिवार सहित खुद को अग्रि में जलाकर समाप्त कर दिया, इससे राजा को रोग लग गया। बह्म हत्या के श्राप के निवारण के लिए राजा जगत सिंह के राजगुरु तारानाथ ने राजा को सिद्धगुरु कृष्णदास पयहारी से मिलने को कहा। पयहारी बाबा ने उपाय सुझाया कि यदि आयोध्या के त्रेतानाथ मंदिर में अश्वमेघ यज्ञ के समय की निर्मित राम-सीता की मूर्तियों को कुल्लू में प्रतिष्ठापित किया जाए, तो राजा रोग मुक्त हो सकता है। पयहारी ने गुटका सिद्धि के ज्ञाता सुकेत में रह रहे शिष्य दामोदार दास गोसाई को आयोध्या से राम-सीता की मूर्ति लाने का काम सौंपा। दामोदर दास गुटका सिद्धि के प्रयोग से तत्काल आयोध्या पहुंचा, वहां त्रेतानाथ मंदिर में एक वर्ष तक पुजारियों की सेवा करते हुए पूजा विधि को समझता रहा और एक दिन राम-सीता की मूर्ति उठाकर तत्काल हरिद्वार पहुंच गया। पीछे से आयोध्या का गुटका सिद्धि का ज्ञाता जोधावर भी हरिद्वार पहुंच गया। दामोदर दास वहां राम-सीता की पूजा कर रहा था। जोधावर ने पूछा तू क्यों मूर्तियां चुरा लाया। दामोदर ने कहा कि मैं इन मूर्तियों को कुल्लू के राजा जगत को ब्रह्म हत्या के श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए ले जा रहा हूं। भगवान रघुनाथ भी कुल्लू आना चाहते हैं। यदि विश्वास नहीं है, तो मूर्तियों को उठाकर ले जाओ। जोधावर मूर्ति उठाने लगा, लेकिन उससे अंगुष्ठ मात्र मूर्तियां उठाई नहीं गईं, जबकि दामोदर दास ने मूर्तियों को तुरंत उठा लिया। ऐसे मूर्तियां मकड़ाकर मणिकर्ण, हरिपुर, नग्गर होते हुए आश्विन की दशमी तिथि को कुल्लू पहुंची, जहां भगवान रघुनाथ की अध्यक्षता में देवी-देवताओं का बड़ा यज्ञ हुआ।

कुल्लू — अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था चाक चौबंद कर दी है। इस दौरान सोमवार को ढालपुर में मोर्चा संभाले पुलिस व होमागार्ड जवान


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App