रावण की तपस्या से खुश हुए ब्रह्मदेव

By: Oct 1st, 2019 12:28 am

डलहौजी लक्ष्मी नारायण मंदिर में रामलीला का भव्य मंचन, कलाकारों ने जमाया रंग

डलहौजी -सदर बाजार डलहौजी के लक्ष्मी नारायण मंदिर में रामा नाटक क्लब द्धारा आयोजित श्रीरामलीला महोत्सव की प्रथम रात्रि का आगाज श्री गणेश, रामायण और शिव-पार्वती की आरती से किया गया। इसके पश्चात् रामलीला मंचन की शुरुआत शिव पार्वती संवाद के साथ हुआ। मंचन के पहले दृश्य में दिखाया गया भगवान भोलेनाथ के समक्ष मां पार्वती  विराजमान हैं। शिव महाराज से पार्वती ने भगवान राम की कथा के बारे में निवेदन किया तब भगवान शिव ने प्रभु राम के जन्म की कथा सुनाई, जिसमें एक कहानी ये है कि नारद ने भगवान को श्राप दे दिया था जिसके कारण भगवान को पृथ्वी पर राम बनकर जन्म लेना पड़ा। इसके पश्चात वेदवती, नंदी संवाद व रावण तपस्या की लीला का शानदार प्रस्तुतिकरण कर कलाकारों ने खूब वाहवाही व तालियां बटोरी। रामलीला मंचन के दृश्य में रावण की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्म देव ने रावण को बलशाली, कुंभकर्ण को निंद्रा और विभीषण को भगवान राम की तपस्या में लीन होने का वरदान दिया। अगले दृश्य में कुशध्वज ऋषि की कन्या वेदवती जंगलों में विचरण कर रही होती है तभी रावण उधर से गुजरता है और वेदवंती पर मोहित हो जाता है। इस दौरान वेदवंती रावण के विवाह का प्रस्ताव ठुकरा देती है, जिससे लंकापति रावण उसके शरीर को स्पर्श कर देता है इससे क्रोधित होकर वेदवती सती हो जाती है। और रावण को श्राप देती है कि वह मिथिलापुरी से दोबारा जन्म लेगी और लंकापति का नाश का कारण वही होगा। तीसरे दृश्य में रावण पुष्पक विमान से कैलाश की ओर से गुजरता है और अचानक विमान रुक जाता है। इस दौरान रावण कैलाश को उठाने की चेष्ठा करता है और असफल होने पर उसका अभिमान नष्ट हो गया। इस पर रावण ने शिव उपासना कर वरदान में चंद्रहास खड़ग प्राप्त किया। प्रथम रात्रि में कलाकारों ने रामलीला का सजीव मंचन कर मौजूद दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी।


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