150वीं वर्षगांठ… विचारों-भावों में आज भी गांधी का बोलबाला

By: Oct 2nd, 2019 12:20 am

स्वारघाट –दो अक्तूबर को महात्मा गांधी जी की 150वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। व्यक्तित्व की दृष्टि से देखें तो गांधीजी राजनीतिज्ञ हैं, दार्शनिक हैं, सुधारक हैं, आचारशास्त्री हैं, अर्थशास्त्री हैं और क्रांतिकारी भी। समग्र दृष्टि से गांधी के व्यक्तित्व में इन सबका सम्मिश्रण है। मगर इस व्यक्तित्व का मूल आधार धार्मिकता है। आज के दौर में गांधी कितने प्रासंगिक हैं। जब इस बारे स्वारघाट के लोगों से पूछा गया तो उन्होंने कुछ यूं अपनी प्रतिक्रिया दी।

उनकी परंपराएं आगे बढ़ रही हैं

स्थानीय चमन लाल का कहना है कि महात्मा गांधी की सीख आज भी दुनिया भर में लोगों को प्रेरित करती है। गांधी की विरासत पीढ़ी दर पीढ़ी इस तरह आगे बढ़ रही है जैसे किसी समाज में लोक कथाएं और परंपराएं आगे बढ़ती हैं। उनकी बाते सभी के दिलों मंे बसी है।

एक ही नारा था सत्य-और अहिंसा

तिलक राज का कहना है कि गांधी जी के विचारों की खूबी यह है कि उनका संदेश एक सार्वभौमिकता लियए हुए है। इसलिए वह पूरी दुनिया के लिए प्रेरणात्मक है। हर समय, हर देश और हर माहौल के लिए उनका विचार प्रासंगिक है। आज जिस तरह से दुनियाभर में हिंसक गतिविधियां बढ़ रही हैं। गांधी के सत्य, अहिंसा के विचार और भी प्रासंगिक होते जा रहे हैं।

आजादी के नायक रहे राष्ट्रपिता

कृष्ण ठाकुर का कहना है कि हमें राजनीतिक आजादी 1947 में मिली थी और आर्थिक आजादी 1991 के बाद मिली। आजादी के पहले हमें आजादी की तलाश थी। इसलिए जब गांधीजी आजादी की लड़ाई के नायक बने, तो हम उन्हें ज्यादा से ज्यादा जानने-समझने की कोशिश करने लगे। उनके विचारों से प्रेरणा लेने लगे और मैं समझता हूं कि हम आज भी उनसे प्रेरणा पा रहे हैं।

धार्मिक बातों को जानने लगे लोग

मस्त राम का कहना है कि हमारे नैतिक जीवन और धार्मिक जीवन के लिए गांधी का बहुत महत्त्व है। अगर हम नैतिक और धार्मिक रूप से सत्य-अहिंसा का पालन करने लगें। तो इसका असर हमारे जीवन के हर पहलू पर पड़ेगा ही, फिर चाहे वह हमारी राजनीति हो या शासन व्यवस्था। जाहिर है कि अगर ऐसा नहीं होगा तो गांधी एक प्रतीक के रूप में ही रह जाएंगे।

बापू ने लोगों को संघर्ष करना सिखाया

देवेंद्र कुमार का कहना है कि आजादी के आंदोलन के दौरान गांधी ने लोगों को संघर्ष के तीन मंत्र दिए सत्याग्रह, असहयोग और बलिदान। उन्होंने खुद इसे समय की कसौटी पर कसा भी। सत्याग्रह को सत्य के प्रति आग्रह बताया। यानी आदमी को जो सत्य दिखे उस पर पूरी शक्ति और निष्ठा से डटा रहे।

महात्मा गांधी आज भी जिंदा हैं

भाग सिंह का कहना है कि किसी  को अन्याय से लड़ना होता है, तो वह गांधी को याद करते हैं। किसी ओबामा को भविष्य का रास्ता तलाशना होता है तो वह गांधी की ओर देखते हैं।  इसकी सीख एक ही है गांधी मरते नहीं गांधी जिंदा हैं। महात्मा गांधी के विचारों को लोग आज भी याद करते है।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App