कृषि विश्वविद्यालय के 41 साल का सफर

By: Nov 1st, 2019 12:01 am

155 कृषि तकनीकें की विकसित, सौ कृषि तकनीकों की अनुशंसा की जारी

पालमपुर – प्रदेष कृषि विवि पहली नवंबर को अपनी स्थापना के 41 वर्ष पूरे कर रहा है। विश्वविद्यालय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से प्रत्यायित एक आईएसओ 9001ः2015 प्रमाणित संस्थान है। कृषि, बागबानी, वानिकी, तथा अन्य संबंधित विषयों में शिक्षा, अनुसंधान व प्रदेश के ग्रामीण लोगों के उत्थान के लिए उन विषयों का प्रसार करना, जिन्हें विश्वविद्यालय समय-समय पर उचित समझे, इत्यादि दायित्व विश्वविद्यालय को सौंपे गए हैं। कृषि तथा अन्य संबंधित विषयों में शिक्षा के लिए इस समय विश्वविद्यालय में चार महाविद्यालय कार्यरत हैं। कृषि महाविद्यालय में 13, डा. जीसी नेगी पशु-चिकित्सा व पशु विज्ञान  महाविद्यालय में 18, गृह विज्ञान महाविद्यालय में पांच और  आधारभूत विज्ञान महाविद्यालय में चार विभाग हैं। इन महाविद्यालयों में पांच स्नातक, 14 मास्टर्ज व सात पीएचडी कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। विश्वविद्यालय ने क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न फसलों के लिए लगभग 155 कृषि तकनीकें भी विकसित की हैं। प्रतिवर्ष खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, सब्जियों तथा चारा इत्यादि विभिन्न फसलों का एक हजार क्ंिवटल आधार बीज और आठ सौ क्विंटल ब्रीडर बीज उत्पादित करके राज्य कृषि विभाग को बढ़ाने के लिए दिया जाता है, ताकि किसानों को प्रतिवर्ष अच्छे बीज उपलब्ध हो सकें। विश्वविद्यालय ने किसानों के लिए लगभग सौ कृषि तकनीकों की अनुशंसाएं भी जारी की हैं। प्रसार सेवाओं हेतु विश्वविद्यालय के मुख्यालय तथा प्रदेश के आठ जिलों में कृषक-मित्र व लाभकारी तकनीकों और अनुसंधान के प्रसार हेतु कुल्लू, सिरमौर, हमीरपुर, ऊना, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर तथा लाहुल-स्पिती में कृषि विज्ञान केंद्र कार्य कर रहे हैं। प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र में प्राकृतिक खेती से संबंधित गतिविधियां संचालित की जा रही हैं और सभी कृषि विज्ञान केंद्रों ने प्राकृतिक खेती हेतु एक-एक गांव गोद लिया है। 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए कृषि विवि ने 20 फार्म मॉडल तैयार किए हैं। विश्वविद्यालय का कृषि तकनीकी सूचना केंद्र किसानों को ‘सिंगल विंडो सर्विस’ प्रदान कर रहा है। कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल का कहना है कि विश्वविद्यालय बचनबद्धता से किसानों की सेवा में प्रयास जारी रखेगा।

1643 विद्यार्थी ग्रहण कर रहे शिक्षा

विश्वविद्यालय में 1643 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें 943 लड़कियां और 700 लड़के शामिल हैं। 7050 विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करके प्रदेश कृषि, पशु पालन विभाग के अतिरिक्त देश-विदेश के विभागों में उच्च पदों पर सेवाएं दे रहे हैं।


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