सरकार शुरू करेगी पशु एंबुलेंस सेवा

By: Nov 1st, 2019 12:30 am

मंडी, चंबा और ऊना जिला के लिए प्रस्ताव, कैबिनेट में मिली मंजूरी

शिमला – प्रदेश में पहली बार पशुओं के लिए भी एंबुलेंस सेवा शुरू होने वाली है। जयराम सरकार ने पहले चरण में जिला मंडी, चंबा और ऊना में यह सेवा शुरू करने के लिए मंजूरी दे दी है। हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस मसले पर चर्चा के बाद मंजूरी भी दी गई। ऐसे में पशुपालन विभाग जल्द ही प्रदेश के इन तीन जिलों में पशु एंबुलेंस सेवा शुरू करेगा। एंबुलेंस में बीमार पशुओं को समीपवर्ती पशु औषधालयों में पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा उपमंडल स्तर पर लैब खोलने की भी मंजूरी मिल चुकी है, वहीं आवारा पशुओं को ठिकाने पर पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार गोसदनों का निर्माण भी कर रही है। पशुपालन विभाग दिसंबर में बेसहारा पशुओं की नई सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगा। वर्ष 2011 की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में 24 हजार से अधिक बेसहारा पशु हैं। दावा किया जा रहा है कि इसमें 10 हजार बेसहारा पशु गोसदनों में हैं और शेष 14 हजार सड़कों पर। विभाग ने प्रदेश में इनकी वास्तविक संख्या का पता लगाने के लिए प्रदेश में नया सर्वे किया है, जिसकी रिपोर्ट दिसंबर में तैयार कर सार्वजनिक की जाएगी। सरकार को प्रदेश में जहां-जहां पर भी गोसदनों के निर्माण के लिए जमीन मिल गई है,  वहां मार्च तक गोसदनों के निर्माण का लक्ष्य तय कर दिया है। सरकार ने प्रदेश में 250 बीघा जमीन पर गोसदनों के निर्माण की योजना तैयार की है। इस पर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिला को छोड़ शेष सभी 10 जिलों में 18 जगह गोसदनों के निर्माण करेगी। इसके लिए सरकार को जमीन मिल गई है। इसमें ऊना और कांगड़ा में तीन-तीन, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी और चंबा में दो-दो गोसदन बनाए जाएंगे। सुन्नी और शिमला में एक-एक गोसदन बनाया जाएगा।

मंदिर कमेटियों को जिम्मा

गोसदनों को अब मंदिर कमेटियों के हवाले कर दिया है। इन्हें चलाने के लिए सरकार मंदिरों से पैसा नहीं लेगी। सरकार गोसदनों का निर्माण कर इसे मंदिरों को सौंपेगी और मंदिर कमेटियां ही इन सदनों की देखरेख और इनका संचालन करेगी।


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