17 ब्लॉक में मुख्यमंत्री ग्राम कौशल
मिशन मोड पर चलेगी योजना, गरीबी रेखा से ऊपर आएंगे निर्धन परिवार
शिमला – पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना को मिशन मोड पर चलाया जाए, ताकि प्रदेश के लगभग एक लाख निर्धन परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने की विभाग की कार्ययोजना को बल मिल सके। मंत्री के निर्देशानुसार विशेष सचिव एंव निदेशक ग्रामीण विकास एंव पंचायती राज ललित जैन ने बुधवार को 17 खंड विकास अधिकारियों को मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के बारे में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत चर्चा की। इन विकास खंडों में अंब, बंगाणा, पांवटा साहिब, नालागढ़, नग्गर, देहरा, सुलह, ऊना, भटियात, गोपालपुर, चंबा, नादौन, गोहर, रैत, कल्पा, शिलाई व कंडाघाट शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट प्रस्तुत करते हुए इस योजना की घोषणा की थी, जिसके अंतर्गत जो परंपरागत शिल्पी तथा कारीगर किसी भी योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं, उनको इससे लाभान्वित किया जाएगा। इससे उन्हें जहां आजीविका के अवसर प्राप्त होंगे, वही ग्रामीण जनता के लिए भी आजीविका के संसाधन भी सृिजत होंगे। ललित जैन ने बताया कि इस योजना का मूल लक्ष्य पारंपरिक कला तथा शिल्प को संरक्षित करनाए कारीगरों की क्षमता का निर्माण करना, युवाओं को पारंपरिक कला और शिल्प सीखने के लिए प्रोत्साहित करना, बिक्री के अवसर उपलब्ध करवाना, बाजार की मांग के आधार पर नए उत्पादों को तैयार करनाए उत्पादों का प्रचार, प्रसार व प्रदर्शन करना तथा पारंपरिक शिल्पकारों और दस्तकारों को सम्मानित करना है। परियोजना को चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा, जिसके दृष्टिगत पायलट आधार पर प्रथम चरण में 17 विकास खंडों में इसे आरंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर प्रदान करके गरीबी रेखा से नीचे रह रहे बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाना है।
ट्रेनिंग के साथ तीन हजार रुपए मानदेय
योजना के अंतर्गत कढ़ाई, धातु, चित्रकारी, टोकरी व मिट्टी के बर्तन बनाने वाले प्रशिक्षिणार्थियों को प्रशिक्षण के दौरान तीन माह तक तीन हजार रुपए का मानदेय भी दिया जाएगा।
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