‘53’ साल का हुआ हरियाणा
1966 को पंजाब से अलग राज्य का किया गया गठन, खेलों-खेती में अलग पहचान
चंडीगढ़ – आज हरियाणा को 53 साल पूरे हो गए हैं। एक नवंबर 1966 को पूर्वी पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य का गठन हुआ था। तब से लेकर आज की तारीख तक हरियाणा में काफी बदलाव आ गया हैं। कभी इसकी पहचान रेतीले और कीकर के जंगल तक सीमित थी। हरियाणा के युवा हर क्षेत्र में चाहे वह खेल हो, राजनीति या फिर अंतरिक्ष हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। हालांकि लिंगानुपात, शिक्षा-व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी अभी भी चिंताजनक विषय है। वहीं पराली के धुएं के संकट को लेकर यहां कुछ इलाकों में वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच चुका है। प्रदेश के इतिहास पर गौर करें तो हरियाणा पहली नवंबर 1966 को अस्तित्व में आया था। कांग्रेस के भगवत दयाल शर्मा पहले मुख्यमंत्री बने। यह वह समय था, जब हरियाणा के पास विरासत में केवल कीकर और रेतीले और बंजर सरीखे इलाके थे। बुनियादी सुविधाएं न के बराबर थीं। विकास की बुनियाद की तरफ हरियाणा आगे बढ़ा। सियासी करवटें भी इसी हिसाब से बनती-बदलती रहीं। मिसाल के तौर पर आया-राम, गया-राम के रूप में दलबदल की राजनीति के लिए भी यह सूबा पूरे देश में पहचाना गया। इसका जनक पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल को माना जाता है और ठीक उसी तरह सख्त प्रशासन के लिए स्व. बंसीलाल और चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के नाम प्रमुखता से लिए जाते हैं। 22 जिलों वाले इस राज्य ने खेलों में अलग पहचान बनाई है। कुश्ती, हॉकी और निशानीबाजी जैसे खेलों में यहां के खिलाडि़यों का कब्जा है। योगेश्वर दत्त, सुशील कुमार, संदीप सिंह, बबीता फोगाट जैसे दिग्गज खिलाड़ी इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। वहीं, भारत की पहली महिला अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला भी हरियाणा की धरती पर ही पैदा हुई थीं।
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