आईवी हॉस्पिटल में हैल्थ टॉक

By: Dec 14th, 2019 12:01 am

नेफ्रोलॉजी के डायरेक्टर डा. राका कौशल ने दिए टिप्स

चंडीगढ़ –किडनी ट्रांसप्लांटेशन क्त्रोनिक किडनी फेल होने पर उपचार का आधार है। किडनी ट्रांसप्लांट से गुजरने वाली लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं प्रसव उम्र 18-50 वर्ष की होती हैं। किडनी ट्रांसप्लांटेशन के बाद गर्भावस्था के मामले काफी सीमित हैं। डा. राका कौशल डायरेक्टर नेफ्रोलॉजी ने शुक्रवार को आईवी हॉस्पिटल में प्रेगनेंसी एंड किडनी ट्रांसप्लांटेशन पर एक इंफॉर्मेटिव हेल्थ टॉक के दौरान कही। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि क्त्रोनिक किडनी रोग महिलाओं में इनफर्लिटी को बढ़ाता है, लेकिन ट्रांसप्लांटेशन गर्भावस्था के लिए एक अवसर प्रदान करता है। गर्भावस्था की योजना महत्वपूर्ण है। उचित मेडिकल सलाह के साथ गर्भावस्था की योजना और विशेषज्ञ द्वारा सलाह के अनुसार हर तरह की सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। अप्रैल 2016 में आईवी में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाली 38 साल की महिला मरीज के बारे में बात करते हुए डा. राका ने कहा कि उनकी मां ने उनको अपनी किडनी डोनेट की थी। ट्रांसप्लांट के बाद महिला की किडनी अच्छी तरह से काम कर रही है। ट्रांसप्लांटेशन के 2 साल के बाद उसने अपना परिवार को शुरू करने की इच्छा व्यक्त की। डा. राका ने बताया कि उसके कोई बच्चा नहीं था और उनकी शादी के बाद कुछ महीने बाद किडनी फेल होने के बारे में पता चला था। डा. राका ने बताया कि पूरे मूल्यांकन के बाद हमने कुछ दवाएं बदलीं ताकि भ्रूण पर कोई दुष्प्रभाव न हो। उसने गर्भधारण किया और अपनी गर्भावस्था के दौरान के उनके स्वास्थ्य और किडनी की कार्यप्रणाली पर काफी बारीकी से नजर रखी गई। उन्होंने बताया कि ये एक सामान्य प्रक्त्रिया थी और उसकी गर्भावस्था के नौवें महीने में बच्चे का जन्म हुआ। महिला ने 3 किलो वजन वाले एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।


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