निवेश के लिए लैंड बैंक नाकाफी

By: Dec 3rd, 2019 12:01 am

उद्योगों के लिए आठ हजार बीघा से आगे नहीं बढ़ी सरकारी जमीन

शिमला – इंडस्ट्रीज़ के लिए सरकार का लैंड बैंक आगे नहीं बढ़ रहा है, जो लैंड बैंक आठ हजार बीघा का था, वह वहीं रह गया है। उद्योग विभाग को यह लैंड बैंक बढ़ाने के लिए सरकारी जमीन नहीं मिल रही।  जो इंडस्ट्रीयल एरिया यहां डिवेलप किए गए हैं, उनमें निवेश धरातल पर नहीं उतरा है, ऐसे में कई सवाल भी खड़े हैं। जिस तरह यहां एमओयू किए गए हैं, उतना निवेश धरातल पर उतरता है, तो यह सरकारी जमीन जो लैंड बैंक में है, नाकाफी है। अहम बात यह है कि लैंड बैंक में ऐसी जमीन भी शामिल है, जो बिकती नहीं। इसमें सरकारी व निजी दोनों तरह की जमीन शामिल हैं, लेकिन इंडस्ट्री डिपार्टमेंट जमीन के आंकडे़ बढ़ा नहीं पा रहा। सरकार ने निवेश के लिए उद्योगपति तो बुला दिए हैं, लेकिन जमीन उपलब्ध करवाने की रफ्तार उतनी ज्यादा नहीं है। इसका पता धीरे-धीरे लगेगा, जब यहां जमीन की जरूरत ज्यादा बढ़ेगी। उद्योग विभाग के लैंड बैंक की बात करें, तो इसमें बिलासपुर जिला में 750 वर्ग मीटर एरिया डेवेल्प करके रखा गया है, जहां आसानी से उद्योग लग सकते हैं, लेकिन अब यहां भी घास उग चुकी है, क्योंकि यह जमीन लेने के लिए कोई नहीं। इसी तरह चंबा में 250 वर्ग मीटर जमीन वहां के हटली इलाके में है, जबकि गरनोटा में 5500 वर्ग मीटर से ज्यादा अनडेवेल्प्ड जमीन उपलब्ध है, जिसे विकसित किया जाना है। कांगड़ा जिला के ढलियारा में 750 वर्ग मीटर एरिया डेवेल्प्ड है, वहीं 250 वर्ग मीटर अनडेवेल्प, नगरी में 300 वर्ग मीटर, राजा का तालाब में एक हजार वर्ग मीटर, कंदरौड़ी में 1800 वर्ग मीटर जमीन डेवेल्प करके रखी गई है। अभी तक कंदरौड़ी में उद्योग विकसित नहीं हो पाए हैं, जिसे स्पेशल इंडस्ट्रीयल एरिया बनाया गया है। संसारपुर टैरेस में 800 वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध है। यह कुछ ऐसे एरिया है, जहां आने वाले समय में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावनाएं हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App