पीजी अंकों के ऑफर ने दुर्गम क्षेत्रों में खींचे डाक्टर

By: Dec 25th, 2019 12:01 am

हार्ड ट्राइबल और रिमोट एरिया में एक साल की सेवा पर पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में मिलेंगे 10 मार्क्स

शिमला – हिमाचल के डाक्टरों को पीजी अंकों के ऑफर ने ट्राईबल व दूरदराज के इलाकों में खींच लिया है। इन क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों को पीजी दाखिले में अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। जयराम सरकार के इस ऑफर के बाद शहरों में डटे चिकित्सक ट्राइबल इलाकों में तैनाती के लिए प्रतिस्पर्धा में आ गए हैं। आलम यह है कि भरमौर, पांगी, किन्नौर तथा लाहुल-स्पीति में पोस्टिंग के लिए चिकित्सक अब मंत्री-विधायकों के डीओ नोट ले रहे हैं। यह करिश्मा स्वास्थ्य विभाग की नई पॉलिसी की देन है। स्वास्थ्य विभाग ने सबसे जटिल ट्राईबल एरिया में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों को 10 अंक देने का निर्णय लिया है। यह शर्त चंबा जिला के समूचे पांगी उपमंडल तथा किन्नौर जिला के पूह क्षेत्र में लागू होगी। इसके अलावा संपूर्ण लाहुल-स्पीति जिला को इसमें शामिल किया गया है। शिमला जिला का डोडराक्वार क्षेत्र भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। इसके बाद आठ अंकों के लिए चंबा जिला के भरमौर, किहार तथा तीसा उपमंडल को शामिल किया गया है। किन्नौर जिला के सांगला व निचार क्षेत्र इसमें शामिल हैं। हालांकि सीएचसी भावानगर, आरएच रिकांगपिओ में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों को छह ही अंक मिलेंगे। इसके अलावा मंडी जिला के जंजैहली व चौहार वैली तथा सिरमौर के शिलाई व संगड़ाह को इस लिस्ट में सम्मिलित किया गया है। इसी तर्ज पर सरकार ने चार अंकों के लिए भी एरिया नोटिफाई किए हैं। इसमें चंबा के पुखरी, चूरी व समोट तथा सिरमौर के राजगढ़, कांगड़ा के महाकाल, शिमला के ननखड़ी व टिक्कर को रखा गया है। इसके अलावा शहरों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों को दो अंक मिलेंगे। राज्य सरकार की पीजी अंकों की इस नई पालिसी ने चमत्कार कर दिया है। रोचक है कि प्रदेश के ट्राईबल व दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए कोई भी चिकित्सक तैयार नहीं होता था। अब नई पॉलिसी में किए गए प्रावधान से चिकित्सकों में प्रतिस्पर्धा का माहौल बन गया है। एक-एक पोस्ट के लिए कइयों ने अपनी दावेदारी जताई है।

दो से लेकर दस अंकों का प्रावधान

नई पालिसी में भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर अलग-अलग क्षेत्रों को नोटिफाई कर अलग-अलग अंक देने का प्रावधान किया है। इस आधार पर पीजी के दाखिले के लिए चिकित्सकों को दो से लेकर दस अंक दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

दूर होगी चिकित्सकों की कमी

पालिसी के लागू होते ही जनजातीय क्षेत्रों में चिकित्सकों के पद एक ही झटके में भर गए हैं। हालांकि दूसरे क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी न हो, इस कारण ट्राइबल व दुर्गम क्षेत्रों में इक्का-दुक्का पद अभी भी खाली हैं।


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