मोहन भागवत के बयान पर ओवैसी का पलटवार- जब केसीआर जिंदा है तब तक बीजेपी-आरएसएस को होगी परेशानी

By: Dec 26th, 2019 3:50 pm

obasi photos के लिए इमेज परिणामहैदराबाद – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के 130 करोड़ हिंदू वाले बयान पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। ओवैसी ने कहा है कि उन्हें तेलंगाना और सीएम के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) पर पूरा यकीन है। ओवैसी ने कहा कि जब तक केसीआर जिंदा हैं तब तक तेलंगाना में बीजेपी और आरएसएस को बहुत दिक्कत होगी। बता दें कि तेलंगाना में आरएसएस स्वयंसेवकों के तीन दिवसीय ‘विजय संकल्प शिविर’ में मोहन भागवत ने कहा था कि संघ भारत की 130 करोड़ की आबादी को हिंदू समाज के रूप में मानता है, चाहे उनका धर्म और संस्कृति कुछ भी हो। वहीं आर्मी चीफ बिपिन रावत के बयान पर ओवैसी ने कहा कि वह मोदी सरकार को खोखला कर रहे हैं।

जब ओवैसी से इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कहा, ‘मुझे तेलंगाना की आवाम पर भरोसा है। वह गंगा जमुनी की तहजीब को मानने वाली है। ऐसी ताकतों को जो नफरत फैलाती है उन्हें कतई ताकत नहीं देगी।’ ओवैसी ने आगे कहा, बड़ी बात यह है कि यहां के सीएम सेक्यलुर हैं। जब तक केसीआर जिंदा है, आरएसएस-बीजेपी को बहुत दिक्कत होने वाली है।’

‘आर्मी चीफ के बयान मोदी सरकार को कमजोर कर रहे’
वहीं बिपिन रावत के बयान पर ओवैसी ने कहा, ‘आर्मी चीफ इस तरह के बयान देकर मोदी सरकार को खोखला कर रहे हैं। संविधान भी यह मांग करता है कि सेना को नागरिक मुद्दों पर दखल नहीं देना चाहिए। जब हमें आजादी मिली थी तो ये हमने तय किया था। भारत और दूसरे दक्षिणी एशियाई लोकतांत्रिक देशों के बीच यह मुख्य अंतर भी है लेकिन आर्मी चीफ के बयान तो मोदी सरकार को कमजोर कर रहे हैं। सरकार को इसे नोटिस करना चाहिए।

फिर तो मोदी ने इमर्जेंसी का विरोध करके गलत किया था’
ओवैसी ने आगे कहा, ‘जो आर्मी चीफ कह रहे हैं कि वह सही है या फिर पीएम मोदी या उनकी वेबसाइट में जो दावा किया गया है कि उन्होंने छात्र जीवन में इमर्जेंसी के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। उस समय जय प्रकाश नारायण ने पूरे देश के छात्रों को इमर्जेंसी का विरोध करने का आवाह्न किया था। आर्मी चीफ के बयान के अनुसार, फिर तो वह भी गलत था। अटल बिहारी वाजपेयी ने एडमिरल विष्णु भागवत को पद से हटा दिया था, क्यों हटाया था यह भी सरकार को यह देखना चाहिए।

‘प्रदर्शन करना मौलिक अधिकार है’
ओवैसी ने आगे कहा, ‘सेना को नागरिक मुद्दे पर दखल नहीं देना चाहिए। यह सरकार के ऊपर है कि वह लोकतांत्रिकों अधिकारों की रक्षा करे। अगर हिंसा होती है तो आपके पास पुलिस है और पैरामिलिट्री फोर्स है न कि सेना। तो आप क्यों दखल दे रहे हैं। प्रदर्शन करना तो मौलिक अधिकार है।’ बता दें कि आर्मी चीफ बिपिन रावत ने नागरिकता संशोधन कानून पर देश के कई विश्वविद्यालयों में जारी प्रदर्शन पर कहा था कि नेतृत्व क्षमता वह नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में लेकर जाती हो।


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