विफलता के बाद कड़ी मेहनत ने बना दिया एचएएस

By: Dec 18th, 2019 12:26 am

मेहनत रंग लाती है,  इसे कहावत मत समझो दोस्तो…जी हां मंडी जिला के सुंदरनगर के संकल्प गौतम ने कड़ी मेहनत से एचएएस परीक्षा पास करके दिखा दिया है कि कड़ी मेहनत रंग लाती है।  माता डा. सरला गौतम  और पिता उमेश गौतम के घर जन्मे संकल्प गौतम  का जन्म 13 मार्च, 1992 को सुंदरनगर में हुआ। संकल्प गौतम की पढ़ाई सेंट मैरी स्कूल सुंदरनगर, मैट्रिक डीएवी न्यू शिमला, प्लस टू महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कालेज सुंदरनगर, सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक जवाहरलाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग कालेज सुंदरनगर व पंजाब इंजीनियरिंग कालेज चंडीगढ़ से एमटेक, 2016 से सिविल परीक्षा  की तैयारी शुरू की। इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने के बाद इतिहास की ओर रुख करते हुए शुरुआती समय मंे काफी बाधाएं आईं, लेकिन धीरे-धीरे समन्वय स्थापित करके सब कुछ सामान्य हो गया। एचएएस  संकल्प गौतम की माता सरकारी प्रवक्ता संस्कृत पद से सेवानिवृत्त हंै और वर्तमान में ज्योतिषी का काम करती हैं। पिता उमेश गौतम का रियल एस्टेट का बिजनेस है और वह अपना रेस्टोरेंट भी चलाते हैं। एचएएस संकल्प गौतम की दादी गिरजा गौतम नगर परिषद सुंदरनगर में बतौर चेयरमैन भी रही हंै और स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत हैं। एचएएस संकल्प गौतम की बड़ी बहन स्वाति गौतम आस्टे्रलिया में टीसीएस में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं और छोटी बहन निखिल गुप्ता भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।

प्रोफाइल

नाम :  संकल्प गौतम

पिता का नाम : उमेश गौतम

माता का नाम :  सरला गौतम

जन्म : 13 मार्च, 1992, सुंदरनगर

 शिक्षा :  सेंट मैरी स्कूल सुंदरनगर, मैट्रिक डीएवी न्यू शिमला, प्लस टू महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कालेज सुंदरनगर, सिविल इंजीनियरिंग  जवाहरलाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग कालेज सुंदरनगर व पंजाब इंजीनियरिंग कालेज चंडीगढ़ से एमटेक, 2016 से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की।

अब तक किन-किन पदों पर,  कहां-कहां सेवाएं दीं :

 सितंबर, 2018 से नायब तहसीलदार प्रशिक्षणार्थी शिमला ग्रामीण में कार्यरत ।

मुलाकात :युवा ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल का लाभ उठाएं…

आपके लिए प्रशासनिक सेवा का मतलब क्या है?

प्रशासनिक सेवा एक बहुत ही अच्छा माध्यम है जनसेवा। इससे  सरकार की विकास नीतियांे और कल्याणकारी कदमों को आमजन तक पहुंचाया जा सकता है। समाज में फैली आर्थिक और सामाजिक असमानता को दूर किया जा सकता है। ऐसा करके हमे प्रदेश के सतत विकास को गति दे सकते हैं।

आपने स्कूली शिक्षा और कालेज व विश्वविद्यालय की पढ़ाई कहां से पूरी की?

प्रारंभिक शिक्षा आठवीं कक्षा तक सेंट मैरी स्कूल सुंदरनगर में और डीएवी न्यू शिमला से मैट्रिक और प्लस टू  महाराजा लक्ष्मण सेन मेमौरियल कालेज सुंदरनगर से पूरी की, जवाहरलाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग कालेज सुंदरनगर में सिविल में बीटेक, पंजाब इंजीनियरिंग कालेज चंडीगढ़ में एमटेक की पढ़ाई पूरी की।

छात्र के रूप में हासिल  उपलब्धियांे में आप स्वयं को 10 में से कितने अंक देंगे?

छात्र के रूप में मैं अपने आप को 10 में से आठ अंक दूंगा।

आप प्रशासनिक सेवा में आए, इसके लिए कब सोचा।

मेेरे पिता जी ने शुरुआत से मुझे प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया। मुझे अपनी प्रोफेशनल स्टडी के दौरान सिविल सेवा परीक्षा के लिए अधिक समय नहीं मिल पाया। मैंने अपनी तैयारी अगस्त, 2016 से अधिक ध्यानपूर्वक शुरू की। मैं कक्षा 9वीं से  दी अंग्रेजी का समाचार पत्र रोजाना पढ़ता था जिसका मुझे लाभ मिला। आपने प्रशासनिक सेवा में कौन से विषय चुने और क्यों। सिविल सेवा परीक्षा में मेरा विषय इतिहास था। मेरी इस विषय में विशेष रुचि है। एक बार मैंने भू विज्ञान विषय भी चुना। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में मेरा विषय इतिहास ही रहा।

एचएएस बनने के लिए आपको कितने प्रयास करने पड़े। इसके लिए प्रेरणा कहां से मिली?

एचपीएएस परीक्षा में मेरा तीसरा प्रयास था। तीन बार मैंने एचपीएएस मेन परीक्षा दी और तीसरे प्रयास में पहली बार साक्षात्कार में पहुंचा। मैंने तीन बार यूपीएससी मेन परीक्षा भी दी है।     

एचएएस के लिए कितने समय तक तैयारी की और रोजाना कितने घंटे पढ़ाई करते थे?

एचपीएएस के लिए मैंने तीन वर्ष तक तैयारी की। रोज मैं लगभग तीन से चार घंटे पढ़ाई करता था। परीक्षा के समय चार से आठ घंटे तक पढ़ाई की। बीच-बीच में मैं दोस्तों के साथ घूमने भी चला जाता तथा उनके साथ समय बिताता था।

प्रशासनिक सेवा  के लिए क्या पढ़ा जाए, इसका चयन कैसे करें?

रोज एक राष्ट्रीय समाचार पत्र व हिमाचल क्षेत्र का एक समाचार पत्र पढ़ंे। इनसाइट ऑन इंडियन वेब पेज को रोज पढ़ें। देश और हिमाचल का बजट और आर्थिक सर्वेक्षण का अध्ययन ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल, इतिहास विषय की पुस्तकें विपिन चंद्रा, सतीश चंद्रा, आरएस शर्मा, बीएल ग्रोवर, एएल बाशन और सेल्फ  स्टडी हिस्ट्री डॉट कॉम साइट व सामान्य अध्ययन के लिए एनसीईआरटी नवमीं से प्लस टू तक की किताबें, लक्ष्मीकांत पालिटी इकॉनोमी रमेश सिंह, इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदू एडिटोरियल व प्रीवियस ईयर क्वेश्चन पेपर का अध्ययन किया जाए।

कंपीटीटिव एग्जाम के लिए आजकल कोचिंग का चलन बढ़ रहा है। क्या यह उपयोगी है?

शुरुआत में मार्गदर्शन के लिए कोचिंग ली जा सकती है। परंतु अधिकतम समय सेल्फ  स्टडी और अध्ययन सामग्री को पढ़ने में व्यतीत करें।

आपका काम सामान्य अफसरों से किस प्रकार अलग होगा?

पारदर्शिता, जवाबदेही, इ गवर्नेंस का अधिक उपयोग करने का प्रयास, सरकार की योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने और उनकी समस्याओं को जल्दी हल कर सकूं, ऐसा प्रयास करूंगा। साथ ही समाज में फैली बुराइयों का खात्मा करने की कोशिश भी करूंगा। मैं सितंबर 2018 से नायब तहसीलदार प्रशिक्षणार्थी शिमला ग्रामीण में कार्यरत हूं। इस पद से मुझे प्रशासनिक सेवाओं की जिम्मेदारियांे और चुनौतियों का पता चला और मुझे प्रशासनिक सेवा के अनेक क्षेत्र राजस्व आपदा प्रबंधन और कानून व्यवस्था का ज्ञान हुआ।

अधिकारी बनने का सपना संजोए युवाओं को किस सोच के साथ सेवा में आना चाहिए?

युवाओं को इस विषय में अपने देश और प्रदेश की सेवा भाव लेकर आना चाहिए। समाज में जो लोग अपने अधिकारों से वंचित हैं। उन्हें उनके अधिकार दिलाना हमारा प्रयास होना चाहिए, ताकि हमारा देश और प्रदेश सभी क्षेत्रों में तरक्की कर सकें।

एचएएस बनने की सोच रहे नौजवानों को आप तैयारी के लिए क्या टिप्स देना चाहेंगे।

 युवाओं को इस परीक्षा में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। आजकल प्रतियोगिता का स्तर बढ़ चुका है। युवा ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल का लाभ उठाएं और सिलेबस का अच्छे से अध्ययन और प्रीवियस ईयर क्वेश्चन पेपर हल करें। युवा यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम की विशेष रूप से तैयारी करें। इससे उन्हें प्रदेश की एचपीएएस परीक्षा में लाभ प्राप्त मिलेगा।

–  जसवीर ठाकुर, सुंदरनगर


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