शिक्षकों के पद भरने के लिए क्या किया

By: Dec 17th, 2019 12:30 am

हाई कोर्ट ने स्कूलों में स्टाफ की कमी पर सरकार से मांगा शपथपत्र

शिमला-प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने व अन्य मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के संदर्भ में उठाए गए कदमों बाबत शपथ पत्र दायर करने के आदेश दिए हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पद भरने व अन्य आधारभूत सुविधाओं के अभाव से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किए। राज्य सरकार द्वारा दायर शपथ पत्र के अनुसार हिमाचल में 31 दिसंबर, 2019 तक जेबीटी के 693, भाषा अध्यापक के 590, शास्त्री के 1049, टीजीटी आर्ट्स के 684, टीजीटी नॉन मेडिकल के 359 व टीजीटी मेडिकल के 260 के पद रिक्त पड़े हैं। मामले की सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार से कोर्ट को बताया गया कि इन पदों को भरने के लिए सरकार शीघ्र कदम उठा रही है। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के उस रवैये पर नाराजगी जताई, जिसके तहत प्रदेश के सभी स्कूलों में शिक्षकों व अन्य आधारभूत सुविधाओं का अभाव है। कोर्ट ने यह पाया कि जब तक प्रदेश सरकार स्कूलों को आधारभूत सुविधाओं के साथ नहीं चलाती है, तब तक यह आशा नहीं की जा सकती कि लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में डालेंगे। सरकार के इस ढुलमुल रवैये के चलते मजबूरन लोगों को अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिल करना पड़ता है। अगर इसी तरह की स्थिति रही, तो आने वाले समय में प्रदेश सरकार को न चाहते हुए भी सरकारी स्कूलों को बंद करना पड़ेगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार को समाज के निचले तबके को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाने को कहा है। अब मामले पर सुनवाई आठ सप्ताह के बाद होगी।


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