सतलुज के दोनों किनारों पर स्थित है बिलासपुर

By: Dec 25th, 2019 12:20 am

बिलासपुर जिला सतलुज नदी के दोनों किनारों पर स्थित है तथा सुदूर पूर्व में यह नदी जिला मंडी के साथ सीमा निर्धारित करती है। इस जिला की पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई 51 किलोमीटर तथा उत्तर से दक्षिण की चौड़ाई 43 किलोमीटर है। सतलुज नदी जिला बिलासपुर को प्राकृतिक रूप से दो खंडों में विभाजित करती है…

बिलासपुर

बिलासपुर जिला सतलुज नदी के दोनों किनारों पर स्थित है तथा सुदूर पूर्व में यह नदी जिला मंडी के साथ सीमा निर्धारित करती है। इस जिला की पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई 51 किलोमीटर तथा उत्तर से दक्षिण की चौड़ाई 43 किलोमीटर है। सतलुज नदी जिला बिलासपुर को प्राकृतिक रूप से दो खंडों में विभाजित करती हैं। सतलुज नदी पूर्व से पश्विम की ओर बहती हुई कई घुमावदार रास्तों से निकलकर बिलासपुर को लगभग दो समान हिस्सों में बांटती है। ये दोनों विभाजित खंड प्राकृतिक रूप से कई घाटियों, खड्डों व छोटी व ऊंची पहाडि़यों से सुसज्जित हैं। इसके सूदूर पश्चिम में कठार धार तथा पूर्व में नैना देवी धार है। यह जिला संपूर्ण रूप से पहाड़ी है, पंरतु कोई भी पहाड़ी या चोटी किसी विशेष ऊंचाई की नहीं हैं। इस जिला की समुद्रतल से न्यूनतम ऊंचाई 290 मीटर तथा अधिकतम ऊंचाई 1980 मीटर है। जिला बिलासपुर में सात मुख्य पर्वत श्रृंखलाएं हैं। ये हैं- नयना देवी धार, कोटधार, जांझियार धार, त्यून धार, बांदलाधार, बहादुरपुर धार व रत्नपुर धार। ये पर्वत धाराएं इतनी प्रसिद्ध थीं कि इतिहास में बिलासपुर रियासत को सतधार कहलूर अर्थात सात पहाड़ी श्रृंखलाओं का प्रदेश कहलूर के नाम से भी पुकारा जाता है।

नयना देवी धार : (कुल लंबाई 30 किलो मीटर) : इस श्रृंखला पर सुप्रसिद्ध मंदिर मां नयना देवी स्थित है जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई 1100 मीटर है। इस धार में ही कोट कहलूर तथा फतेहुर परगना स्थित हैं तथा यहां पर ही कोट कहलूर व फतेहपुर किला (जहां कई छोटे किले भी हैं)।

कोट धार : (कुल लंबाई लगभग 30 किलो मीटर) इस पहाड़ी श्रृंखला में ही बसेह व बछरेटू परगना स्थित है। इस धार में प्रसिद्ध किले बछरेटू, वसीहा, नौण या शिवाला बछरेटू कोट और दगोगा मलोट स्थित है। यहां की सबसे ऊंची चोटी कक्रेर की समुद्रतल से ऊंचाई 1430 मीटर है।

जांडियार धार : सीर खड्ड इस श्रृंखला को दो भागों में बांटती है-दक्षिण भाग को ‘बदोल’ तथा उतरी को जांझियार कहते हैं। इस धार की सबसे ऊंची चोटी जांझियार ही है जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई 1100 मीटर है। यहां का प्रसिद्ध मंदिर देवी बदोली तथा गूगा गेहढ़वीं हैं जो धार के दक्षिण भाग में स्थित है।

त्यून धार : इस धार की कुल लंबाई 10 किलो मीटर है। इस श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी सरयूं चोटी है, जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई 1350 मीटर है। यहां पर सरयूं नौरानगढ़ त्यून का किला तथा पीरव्याणू, हरम्बा।

बंदला धार : लंबाई 17 किलोमीटर इस श्रृंखला की चोटी की समुद्रतल से अधिकतम ऊंचाई 1975 मीटर है।

बहादुरपुर धार :  इस श्रृंखला को अलीखड्ड दो हिस्सों में बांटती है। इसका उतरी भाग ‘ततोह तथा दक्षिण को बहादुरपुर कहते हैं।’    -क्रमशः


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