111 करोड़ से बनेंगी मंडियां, आढ़तियों को देनी होगी सिक्योरिटी मनी

By: Dec 29th, 2019 12:01 am

एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड की बैठक में मिली मंजूरी, सभी औपचारिकताएं पूरी

शिमला – हिमाचल में 111 करोड़ रुपए से मंडियों का निर्माण किया जाएगा। शनिवार को एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड की बैठक में मंडियों के निर्माण के लिए यह राशि स्वीकृत की गई है। बताया जा रहा है कि उन स्थानों पर मंडियां बनाई जाएंगी, जहां निर्माण के लिए जगह उपलब्ध है। इसके लिए सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। शिमला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बोर्ड के चेयरमैन बलदेव भंडारी ने कहा कि राज्य में बागबानी प्रोजेक्ट के तहत नई मंडियों का निर्माण किया जाना है। इसके पहले फेज में मंडियों के निर्माण के लिए 111 करोड़ की राशि से स्वीकृत की गई है। इसमें ढली में 15 करोड़, शिलारू में 7.50 करोड़, खड़ापत्थर में 25 लाख, रोहडू के मैहदली में 20 करोड़, फागू में 6.31 करोड़, सिरमौर के सराह में तीन करोड़, ऊना में 29 करोड़, पालमपुर में 1.58 करोड़, परवाणू में 24.96 करोड़, कुल्लू में 5.16 करोड़, पराला में पांच करोड़, कुल्लू के बनरोल में दस करोड़ की लागत से मंडियों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के अन्य स्थानों पर भी मंडियों के निर्माण के  लिए राशि स्वीकृत की गई है।

बागबानों के लिए पैकिंग ग्रेडिंग हाउस

हिमाचल की मंडियों में बागबानों को पैकिंग ग्रेडिंग हाउस की सुविधा उपलब्ध मिलेगी। राज्य की 15 मंडियों में पैकिंग ग्रेडिग हाउस की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके लिए बोर्ड की बैठक में 6.75 करोड़ की अपू्रवल दी गई है, जबकि बोर्ड ने चार मंडियों में सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। सरकार की ओर से स्वीकृति मिलने पर यहां भी किसानों को ये सुविधा मिलेगी।

दो के लिए आमंत्रित किए टेंडर

राज्य के दो स्थानों पर मंडियों के निर्माण के लिए बोर्ड ने टेंडर कॉल कर दिए हैं। इसमें पांवटा साहिब व मंडी के कागनी में मंडियों का निर्माण किया जाना है। पांवटा साहिब में 5.62 करोड़ व मंडी में 3.21 करोड़ से मंडी का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए टेंडर लगा दिए गए हैं। जल्द ही औपचारिकताएं पूरी कर मंडियों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

अगले सेब सीजन के लिए व्यवस्था, बागबानों को ठगी से बचाने को कवायद

शिमला – हिमाचल में सेब का कारोबार करने के लिए आढ़तियों को अब सिक्योरिटी मनी देनी होगी। राज्य में यह व्यवस्था अगले सेब सीजन से लागू होगी। इसमें आढ़तियों से पांच से 50 लाख रुपए तक की सिक्योरिटी मनी निर्धारित की जाएगी, ताकि बागबानों के साथ हो रहे ठगी के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके। राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने बताया कि बोर्ड की बैठक में यह चर्चा की गई है, जिसमें निर्णय लिया गया है कि आगामी सीजन के दौरान आढ़तियों से सिक्योरिटी मनी ली जाएगी। राज्य में एक से 15 करोड़ तक का कारोबार करने वाले आढ़तियों से पांच लाख, 15-20 करोड़ तक का कारोबार करने वाले आढ़तियों को दस लाख, 25-50 करोड़ का कारोबार करने वाले आढ़तियों से 15 लाख रुपए की सिक्योरिटी मनी ली जाएगी। इसके अलावा 50 से 75 करोड़ का कारोबार करने वाले आढ़तियों से 25 लाख और 75 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाले आढ़तियों से 50 लाख रुपए की सिक्योरिटी मनी वसूली जाएगी। उन्होंने कहा कि लाइसेंस निदेशक एग्रीकल्चर द्वारा दिए जाते हैं। सड़कों के किनारों पर बैठने वाले आढ़तियों की अधिक शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में मॉडल एक्ट की हिदायतों का पालन करते हुए राज्य में लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए अब आढ़तियों को एपीएमसी से एनओसी लेनी होगी। एनओसी मिलने के बाद ही आढ़तियों के लाइसेंस रिन्यू हो पाएंगे। चैकपोस्ट में किसानों से किसी भी तरह की फीस नहीं ली जा रही है। चैकपोस्ट पर किसानों को केवल दस्तावेज दिखाने से ही जाने दिया जाता था। चैकपोस्ट पर व्यापारियों से तीन रुपए फीस ली जाती है। चैकपोस्ट में इस बार पिछले सालों के मुकाबले अधिक आय हुई है।

अब तक 573 शिकयतें

एपीएमसी ने एसआईटी को 573 शिकयतें दी हैं। इसमें बागबानों के करीब 22 करोड़ रुपए वसूली की जानी है। इसमें एसआईटी व एपीएमसी द्वारा बागबानों को करीब साढे़ आठ करोड़ रुपए दिलाए गए हैं, जबकि शेष राशि दिलाना रहता है। एसआईटी ने शिकायतों पर 83 मामले भी दर्ज किए गए हैं।

सोलन सब्जी मंडी देश में टॉप पर

सोलन मंडी सबसे अधिक व्यवसाय करने वाली मंडी बनी है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त हुआ है। मंडी ने 95 करोड़ का बिजनेस ई-नेम पोर्टल के माध्यम से किया गया है। ई-नेम पोर्टल में कोई भी व्यापारी भारत के किसी भी क्षेत्र में है, वह यूनिफाइड लाइसेंस के माध्यम से बोली देकर किसान का माल खरीद सकता है। ई-नेम बिजनेस पोर्टल के माध्यम से किसान व्यापारी से सीधा संपर्क कर सकता है, जिसके लिए उसे बिचौलियों के पास जाने की जरूरत नहीं है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App