खेल-खेल में पढ़ेंगे नर्सरी-केजी के छात्र

By: Jan 9th, 2020 12:01 am

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते वक्त बच्चों को नहीं होगा मानसिक तनाव, सरकार का स्टार प्रोजेक्ट पर फोकस

शिमला – पढ़ाई करते-करते अब सरकारी स्कूल के छात्रों को मानसिक तनाव से नहीं जूझना पड़ेगा। नए सत्र से छोटे बच्चों के पढ़ने-पढ़ाने के तरीकों में बदलाव प्रदेश सरकार करेगी। इसमें सबसे पहले ध्यान रखा जाएगा कि तीन से पांच साल तक के छात्रों को पढ़ाई बोझ न लगे, इसके लिए शिक्षा प्रणाली उनके सामने खेल के रूप में दर्शाई जाएगी। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन को नए सत्र से बदला जाएगा। यानी कि तीन से पांच साल तक के छोटे बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास कैसे करना होगा, इस पर राज्य सरकार फोकस करेगी। बताया जा रहा है कि स्टार प्रोजेक्ट के तहत स्कूलों में नर्सरी, केजी, एलकेजी के छात्रों को कक्षाओं में पाठ, पहाड़े, गिनती, एबीसी पढ़ाने के बजाय खेलकूद पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। यानी कि कक्षाओं में लेक्चर सुनने से छोटे बच्चों के दिमाग पर ज्यादा प्रभाव न पड़े, तो उन्हें खेल गतिविधियों के माध्यम से इस तरह पढ़ाया जाएगा, मानों वह स्कूल में पढ़ाई को बोझ की तरह न ले। दरअसल केंद्र सरकार ने स्टार प्रोजेक्ट के तहत सभी राज्यों को 500 करोड़ तक के बजट की ग्रांट जारी करने का फैसला लिया है। हर राज्य को स्टार के तहत मिलने वाले बजट के तहत लर्निंग आउट कम्स सुधारना है। इसी के तहत केंद्र सरकार में ज्वाइंट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों ने चाइना में वर्ल्ड बैंक की ओर से आयोजित कान्फ्रेंस में भाग लिया था। हिमाचल से भी शिक्षा प्रधान सचिव केके पंत इस कान्फ्रेंस में भाग लेने के लिए गए थे। चाइना से वापस आने के बाद उन्होंने कहा कि अर्ली चाइल्ड हुड एजुकेशन पर कई राज्यों व देशों के शिक्षाविदों ने अपने सुझाव दिए, जिसमें तीन से पांच साल तक के छात्रों को खेल-खेल में पढ़ाने पर सहमति बनी है। हिमाचल से भाग लेने गए शिक्षा प्रधान सचिव ने कहा कि उन्हें भी यह सुझाव काफी पंसद आया है। जानकारी के अनुसार अब हिमाचल में स्टार प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले प्रोपोजल में इस सुझाव को भी सरकार शामिल करने वाली है। इसमें तीन से पांच साल तक के छात्रों को अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन के तहत कक्षाओं में स्मार्ट सुविधाएं, यानी कि खेल-खेल से पढ़ाने के नियम लागू किए जाएंगे। वर्तमान में हिमाचल में प्री नर्सरी में 50 हजार के करीब छोटे बच्चों ने दाखिला ले लिया है।

हर साल 100 करोड़ रुपए की ग्रांट

केंद्र सरकार ने स्टार प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल को भी शामिल किया है। इस साल से प्रदेश को स्टार प्रोजेक्ट के तहत हर साल सौ करोड़ की ग्रांट आनी शुरू हो जाएगी। हालांकि इससे पहले केंद्र व राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रोजेक्ट के अंतर्गत लर्निंग आउटकम्स में क्या सुधार करने हैं, इसकी रिपोर्ट तलब की थी। अब जब शिक्षा प्रधान सचिव की अध्यक्षता में यह रिपोर्ट तैयार हो रही है, तो अपने आप में काफी अहम है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में क्या-क्या सुधार हो पाते हैं।


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