टेंडर पर परिवहन विभाग कटघरे में

By: Jan 3rd, 2020 12:01 am

व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस का काम पांच कंपनियों को देने पर उठे सवाल

शिमला – हिमाचल परिवहन विभाग सार्वजनिक वाहनों में वीएलटी (व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस) लगाने जा रहा है। विभाग द्वारा इस डिवाइस को वाहनों में इंस्टाल करने का काम पांच कंपनियों को देने पर सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली में निर्भया कांड के बाद जहां उच्च न्यायलय ने देश के सभी राज्यों को बसों, टैक्सी और ऑटो में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग (वीएलटी) डिवाइस एआईएस 140 लगाने के निर्देश दिए थे, वहीं हिमाचल प्रदेश ट्रांसपोर्ट विभाग ने भी डिवाइस लगाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे, जिसमें डिवाइस बनाने वाली लगभग 28 कंपनियों ने भाग लिया। इनमें से विभाग ने पांच निर्माताओं को डिवाइस लगाने का काम दिया। स्मार्ट मोबेलिटी एसोसिएशन ने परिवहन विभाग पर आरोप लगाया कि परिवहन विभाग की ओर से 28 में से सिर्फ पांच कंपनियों को काम दिया गया है, जबिक बाकी कंपनियों को दरकिनार किया गया है। स्मार्ट मोबिलिटी संस्था के सचिव राजीव अरोड़ा  ने प्रदेश परिवहन विभाग पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने में ट्रांसपोर्ट विभाग अपने चहेतों को टेंडर दे रहा है। डिवाइस जगाने के लिए जब 28 कंपनियों ने टेंडर किये थे, तो किस आधार पर पांच कंपनियों के चयन किया गया। उन्होंने सरकार से  टेंडर प्रक्रिया को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि जब 28 कंपनियों को बुलाया गया और विभाग द्वारा टेंडर के लिए ली गई टेस्ट की सारी प्रक्रिया पूरी की, तो किस आधार पर केवल पांच कंपनियों का ही चयन किया गया, इस सारी प्रक्रिया को सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता को इस मामले में छूट होनी चाहिए कि वह किस कंपनी का डिवाइस ले, जबकि सरकार केवल पांच कंपनियों के चयन क्यों कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात को माना नहीं गया, तो संस्था न्यायालय जा दरवाजा खटखटाएगी।


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